पटना: सनातन धर्म में माता लक्ष्मी की पूजा का बहुत महत्व है, खासकर महालक्ष्मी व्रत के दिन. हर साल भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि पर महालक्ष्मी व्रत रखा जाता है. आचार्य मदन मोहन के अनुसार इस दिन भक्त माता लक्ष्मी की पूजा करते हैं ताकि उन्हें सुख-समृद्धि और धन की प्राप्ति हो.


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आचार्य मदन मोहन के अनुसार इस साल महालक्ष्मी व्रत 11 सितंबर 2024 को रखा जाएगा. अष्टमी तिथि की शुरुआत 10 सितंबर को रात 11:11 बजे होगी और इसका समापन 11 सितंबर की रात 11:46 बजे होगा. इसलिए 11 सितंबर को महालक्ष्मी व्रत का संकल्प लेकर पूजा की जानी चाहिए. महालक्ष्मी व्रत के दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान कर लें. इसके बाद अपने पूजा स्थान को साफ करके एक चौकी पर माता लक्ष्मी की प्रतिमा स्थापित करें. माता लक्ष्मी को पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद और जल) से स्नान कराएं। फिर पूजा के दौरान नारियल, सुपारी, चंदन, फूल, और फल चढ़ाएं.


इसके साथ ही माता लक्ष्मी को 16 श्रृंगार की वस्तुएं जैसे बिंदी, काजल, और चूड़ियां अर्पित करें. इसके बाद दीप जलाकर माता लक्ष्मी की आरती करें और लक्ष्मी चालीसा का पाठ करें. पूजा के अंत में फल, मिठाई और साबूदाने की खीर का भोग लगाएं. मान्यता है कि इस विधि से माता लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और धन संबंधी परेशानियों का निवारण करती हैं. व्रत के साथ माता लक्ष्मी की पूजा करने से घर में सुख-समृद्धि और धन की वर्षा होती है.


Disclaimer: यह जानकारी ज्योतिषीय मान्यताओं और धार्मिक ग्रंथों पर आधारित है. जी बिहार झारखंड इस जानकारी की पुष्टि नहीं करता है.


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