पटनाः International Equal Pay Day 2022: आज 18 सितंबर है. साल के नौवें महीने का ये अठारवां दिन इतिहास में अपनी एक खास जगह रखता है. आज के दिन अंतरराष्ट्रीय समान वेतन दिवस मनाया जाता है. अंतरराष्ट्रीय समान वेतन दिवस का उद्देश्य समान मूल्य के काम के लिए समान वेतन प्राप्त करना है. महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ भेदभाव को खत्म करना है. इसका प्रमुख उद्देश्य लिंग वेतन अंतर के भेदभाव को समाप्त करना है. समान वेतन दिवस रोजगार में पुरुषों और महिलाओं के बीच आय भुगतान में अंतर को उजागर करता है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

क्यों मनाया जाता है यह दिवस?  
आज भी महिलाएं और लड़कियां लैगिंक भेद का शिकार होती हैं. संयुक्त राष्ट्र के आंकड़ों के अनुसार समूची दुनिया में आज भी महिलाओं को पुरुषों से करीब 20 फीसदी वेतन कम मिलता है. महिला और पुरुष के बीच इस खाई को कम करने के लिए संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक करीब 257 साल लग सकते हैं. ऐसे में समान वेतन एक बहुत बड़ा मुद्दा है. 


2020 में पहली बार मनाया गया यह दिवस 
संयुक्त राष्ट्र संघ ने लिंग वेतन अंतर को देखते हुए नवंबर 2019 में एक प्रस्ताव पेश किया. इस प्रस्ताव का मुख्य उद्देश्य लिंग वेतन अंतर को समाप्त करना है. 2019 में संयुक्त राष्ट्र संघ के प्रस्ताव को सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया. साल 2020 में 18 सितंबर को पहली बार अंतरराष्ट्रीय समान वेतन दिवस मनाया गया.


खत्म हो सके बेटियों से भेदभाव 
पुरुष प्रधान समाज में कामकाजी महिलाओं को हमेशा कमतर आंका जाता है. जबकि आज हर क्षेत्र में महिलाओं ने अपनी प्रतिभा का परचम लहरा रही हैं. ऐसे में न केवल महिला, बल्कि समाज के सभी वर्गों के लोगों को एक समान अधिकार और एक समान वेतन मिलना चाहिए.


यह भी पढ़े- बिहार में छठे दौर के शिक्षक नियोजन के साथ सातवें दौर के शिक्षक नियोजन पर लगा ग्रहण