Patna: अंतरराष्ट्रीय योग दिवस (International Day of Yoga) को लेकर योग साधको समेत तमाम लोगों में उत्साह रहता है. लेकिन इस बार कोरोना संक्रमण को देखते हुए सोशल डिस्टेंसिंग (Social Distancing) और शारीरिक दूरी को लेकर एहतियात बरती जा रही हैं, पार्क और खुले मैदान में भी कार्यक्रम पर पाबंदी है. लिहाजा योग करने वाले अपने-अपने निजी स्थानों पर योगाभ्यास कर रहे हैं.


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संक्रमण काल में योग की अहमियत भी बढ़ी है और यह शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ने में भी कारगर साबित हो रहा है. कोरोना संक्रमण के समय में लॉकडाउन (Lockdown) की स्थिति हो या वर्क फ्रॉम होम (Work from Home) का स्ट्रेस, इन सब में योग साधना और व्यायाम ने लोगों को मदद की है.


नियमित योग प्राणायाम करने से शरीर निरोग रहता है, शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और यह जीवन पद्धति में अब शुमार हो रहा है. अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर दूसरे वर्ष भी इस बार कोरोना संक्रमण को लेकर कोई कार्यक्रम आयोजित नहीं किए जा रहे हैं लेकिन इस संक्रमण काल के दौरान योग की अहमियत पहले से भी ज्यादा हो गई है. जब लोग घरों में बंद हो गए, दुनिया सिमट गई और वर्क फ्रॉम होम ने लोगों की मानसिक और शारीरिक परीक्षाएं ली, ऐसे में योग साधना ने ही परिस्थिति में कैद लोगों की मदद की.


रूनम सिंह इंडसइंड बैंक में मैनेजर हैं, बोरिंग रोड ब्रांच की मैनेजर रूनम सिंह को लॉकडाउन के समय मानसिक परेशानी के साथ जब अनलॉक में बैंक नियंत्रण के साथ खुले तो संक्रमण से लेकर कई तरह की समस्या सताने लगी और काम का दबाव भी परेशान करने लगा. लेकिन इससे बचने के उपाय के तौर पर इन्होंने योग की शरण ली जिसके बाद अब ये खुद को काफी बेहतर और सकारात्मक सोच से भरी हुई पा रही हैं.


पटना की रहने वाली उज्वला सिंह चेन्नई में पेशे से कम्प्यूटर इंजीनियर हैं. लॉकडाउन में इन्होंने वर्क फ्रॉम होम के जरिए काम करना शुरू किया ऐसे में काम की अधिकता के साथ घर में खाने-पीने की आजादी ने उज्वला की जीवन दिनचर्या को बदल दिया. साथ ही ये घर में बंद-बंद स्ट्रेस की चपेट में आ गई. ऐसे में इन्होने नियमित योग को अपनी दिनचर्या में शामिल किया और इसका परिणाम बेहद सकारात्मक रहा. कोरोना संक्रमण के काल में लोगों के लिए योग बेहद कारगर साबित हो रहा है.


योग ने संक्रमण काल में ना सिर्फ आम नौकरीपेशा वाले लोग और घर की गृहिणियों को जीने में मदद की बल्कि चिकित्सक और चिकित्सा सेवा जुड़े लोगों ने भी अपने काम के दवाव और संक्रमण काल की मुश्किलों के लिए योग का सहारा लिया. ऐसा कर ये काफी खुश हैं. काजल कुमारी पटना के सीएनएस हॉस्पिटल में नर्सिंग स्टाफ हैं. जीवन-मरण के बीच चिकित्सा सेवा से जुड़े लोग लगातार पीड़ितों की जान बचने में जुटे थे लेकिन ऐसे में खुद को संभालना भी एक बड़ी बात थी. काजल ने इस स्थिति में मरीजों की सेवा के साथ खुद को मदद देने के लिए योग का सहारा लिया. ऐसा कर अब काजल अपने आप को भी समय दे पा रही हैं.


संक्रमण काल में लॉकडाउन की वजह से बच्चे, बुजुर्ग, महिलाएं या पुरुष सभी को सामान्य रूप से अलग हटकर जीवन जीना पड़ा. जो लोग लगातार घर में बंद रहे उनमे चिड़चिड़ापन देखा गया. वहीं, वर्क फ्रॉम होम वाले लोग काम के दवाव से परेशान रहे. ऐसे में छात्र-छात्रा हो या कोई भी लोग हर किसी के लिए योगाभ्यास रामबाण साबित हुआ. जिनलोगों ने इसका नियमित तौर पर अभ्यास शुरू किया वे इसके अद्भुत फायदे के गवाह बने. ऐसे ही कुछ लोग अब इसे लेकर जागरूकता अभियान भी चला रहे हैं और दूसरे भी इसका लाभ ले सके इसके लिए लोगों के बीच योग के महत्त्व को बताने में लगे हैं. 


जब शरीर शारीरिक रूप से स्वस्थ होता है, तो मन स्पष्ट, केंद्रित और तनाव पर नियंत्रण होता है. जब आप स्वस्थ होते हैं तो आप अपने भीतर मन के साथ, दूसरों के साथ और आपके संपर्क में आने वाले हर व्यक्ति के साथ जुड़ सकते हैं. योगासना करते समय आप सांस पर ध्यान देंते है, सांस पर ध्यान तनाव और चिंता से मुक्त करता है. नियमित योग अभ्यास करने से अनिद्रा को ठीक करने में मदद मिलती है और गहरी नींद आती है जो ऊर्जा को बनाए रखने में भी मदद करता है. कई तरह के रोगों के लिए योग एक प्रभावी उपचार है क्योंकि यह उन लक्षणों को कम कर सकता है जो कि बीमारियों का कारण बनते हैं. जैसे कि अकड़न, थकान और कमजोरी. इसके आलावा योग तन  और मन दोनों को स्वास्थ्य रखता है और इसे ऊर्जावान बनाता है. कोरोना संक्रमण काल में एक महत्वपूर्ण कारगर दवा के तौर पर योग ने लोगों को स्वस्थ्य रहने में सहायता की है.