पटना: 14 जनवरी को मकर संक्रांति (Makar Sankranti) को लेकर दही चूड़ा भोज की तैयारी शुरु हो चुकी है. बिहार में दही चूड़ा भोज के दौरान जबरदस्त सियासी दरबार भी सजेगा. कांग्रेस और जेडीयू (JDU)  के नेताओं ने विपक्षी दलों के नेताओं को भी निमंत्रण देने का फैसला लिया है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

हालांकि, दही चूड़ा भोज को लेकर आरजेडी (RJD) में संशय की स्थिती है, लेकिन भोज को लेकर जिस तरह की तैयारियां चल रही हैं. उससे इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि नए साल में शुभ दिन की शुरुआत सियासी दल अपने दुश्मनों से भी गले मिलकर करना चाहते हैं. क्योंकि नया साल चुनावी साल भी है और पता नहीं किश दुश्मन को दोस्त बनाना पर जाए.


वहीं, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पूर्व मंत्री अवधेश सिंह ने भी हर साल की तरह इस बार भी अपने पटना के सरकारी आवास पर दही चूड़ा भोज का आयोजन किया है. भोज के लिए वह नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव, जीतन राम मांझी, उपेन्द्र कुशवाहा समेत महागठबंधन के सभी घटक दलों को निमंत्रण देने जा रहे हैं. लेकिन सबसे खास बात ये है कि इस बार अवधेश सिंह सीएम नीतीश कुमार को भी भोज में शामिल होने का निमंत्रण देंगे.


हालांकि बीजेपी के नेताओं को निमंत्रण देने के सवाल पर उनके पास स्पष्ट जवाब नही था. लेकिन उन्होंने इतना जरुर कहा कि मकर संक्रांति के भोज को सियासत से अलग रखना चाहिए. कांग्रेस के नेता ही नहीं, जेडीयू की तरफ से भी सहयोगी दलों के अलावा विरोधियों को भी दही चूड़ा भोज के लिए निमंत्रण भेजा जाएगा.


पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिहं हर साल की ही तरह इस साल भी भोज देने की तैयारी कर रहे हैं. लेकिन इस भोज में शामिल होने के लिए विपक्षी दलों के नेताओं को भी निमंत्रण जाएगा. इधर, बिहार सरकार के मंत्री जेडीयू नेता जय कुमार सिंह कहते हैं कि वशिष्ठ नारायण सिंह ने ही दही चूड़ा भोज की सबसे पहले शुरुआत की है. बाकी तो कॉपी कर रहे हैं. लेकिन भोज में शामिल होने के लिए सभी दलों के नेताओं को निमंत्रण भेजा जाएगा. चाहे वो विपक्ष के ही नेता क्यों न हों.


दही चूड़ा के इस भोज में आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद (Lalu Prasad) का भी कभी जलवा रहा करता था. हालांकि, लालू प्रसाद के जेल जाने के बाद आरजेडी का दही चूड़ा भोज थोड़ा फीका पर गया है.


इस बार भी लालू प्रसाद जेल में हैं और तेज प्रताप-ऐश्वर्या के बीच बढ़ चुके पारिवारिक विवाद के कारण दही चूड़ा भोज को लेकर आरजेडी मे अभी फैसला नहीं हो पाया है. आरजेडी के वरिष्ठ नेता रघुवंश प्रसाद सिंह भी लालू प्रसाद की कमी को बड़ी वजह मानते हैं.