दीपक विश्वकर्मा/नालंदा : राजगीर के बाद अब बिहार शरीफ नगर निगम की सियासत में भूचाल आने वाला है. हालांकि इस बात का पूरी तरह खुलासा नहीं हुआ है कि आगे क्या होगा, लेकिन सूत्र बताते हैं कि मेयर की कुर्सी तो सुरक्षित है मगर डिप्टी मेयर की कुर्सी को हिलाने की फिराक में उनके प्रतिद्वंदी लग गए हैं. अब ऊंट किस करवट बैठेगा यह तो वक्त बताएगा.


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अविश्वास प्रस्ताव की हलचल के बाद हॉर्स ट्रेडिंग का बाजार गर्म हो गया है. हाल के दिनों में शहर के एक स्कूल में इफ्तार पार्टी के दौरान इस सियासी रंग का गुल खिला, जिसमें मेयर पति से लेकर कई वार्ड पार्षद और पूर्व डिप्टी मेयर साथ दिखे.


वहीं, से इसका मंथन और जोड़-तोड़ की राजनीति शुरू हुई. यह राजनीति केवल नगर निगम तक नहीं रही, बल्कि सूबे के मंत्री से लेकर सत्ताधारी दल के कई नेताओं के पास पहुंच गई. इन नेताओं ने क्या वायदे किए हैं इसका भी खुलासा नहीं हुआ है.


जिस तरह की हलचल दिखाई दे रही है उससे यह स्पष्ट हो रहा है कि कहीं न कहीं सत्ताधारी दल के लोग भी इसमें अपनी रुचि दिखा रहे हैं. हलाकि इस बाबत हमने कई वार्ड पार्षदों से इस सियासी हलचल के बारे में जानकारी ली. उन लोगो ने भी दबी जुबान से खबर पर मुहर लगा दी. हॉर्स ट्रेडिंग हुई तो अब वार्ड पार्षदों की बल्ले बल्ले होने वाली है. तोहफे के साथ-साथ हिल स्टेशन की सैर करवायी जा सकती है.


बिहार शरीफ नगर निगम के पहले बोर्ड के गठन से सियासत शुरू हुई. पांच वार्ड पार्षदों को अपहरण के आरोप में उस वक्त गिरफ्तार कर लिया गया जब वे मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव में हरदेव भवन वोट डालने जा रहे थे. नगर निगम के शाह मात के इस खेल में कई किंग मेकर आये, जिनमें विधायक, पूर्व विधायक, पूर्व विधान पार्षद शामिल हैं. इन लोगों को सफलता भी मिली. इस बार रूमी खान के नाम की चर्चा है, क्योंकि सियासी इफ्तार पार्टी इन्हीं के द्वारा आयोजित की गयी थी. मामला चाहे जो भी हो हमेशा सुर्खियों में रहने वाला बिहार शरीफ नगर निगम इस बार फिर सुर्खियों में है.