जेपी की मूर्ति को माला पहनाने पर महाभारत, अखिलेश ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को दी नसीहत तो जेडीयू ने उल्टे सुना दिया
सपा प्रमुख अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) शुक्रवार को लखनऊ के जेपीएनआईसी में स्थित जयप्रकाश नारायण की प्रतिमा पर माल्यार्पण करने का प्लान बना चुके थे लेकिन योगी सरकार (Yogi Government) की ओर से वहां उन्हें जाने की अनुमति नहीं दी जा रही थी.
Bihar UP Politics: सपा प्रमुख अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) शुक्रवार को लखनऊ के जेपीएनआईसी में स्थित जयप्रकाश नारायण की प्रतिमा पर माल्यार्पण करने का प्लान बना चुके थे लेकिन योगी सरकार (Yogi Government) की ओर से वहां उन्हें जाने की अनुमति नहीं दी जा रही थी. वहां भारी संख्या में पुलिस फोर्स की तैनाती की गई थी. पहले तो अखिलेश यादव माल्यार्पण के लिए अड़ गए और उनकी अपील पर पार्टी के कार्यकर्ता भी जमा हो गए थे, लेकिन हालात को देखते हुए अखिलेश यादव ने अपने घर के सामने ही जेपी की मूर्ति पर माल्यार्पण कर दिया. उसके बाद उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मोदी सरकार से समर्थन वापस लेने की अपील की.
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अखिलेश यादव ने कहा, 'मैं नीतीश कुमार जी से अपील करता हूं कि वो तो जेपी आंदोलन से निकले हुए नेता हैं. वो अपना केंद्र सरकार से अपना समर्थन वापस लें क्योंकि बीजेपी उनके कार्यक्रम में अड़ंगा डाल रही है.' इस पर जदयू प्रवक्ता अंजुम आरा ने कहा, लोकनायक जयप्रकाश नारायण को श्रद्धांजलि देना है तो कोई भी कहीं से भी मूर्ति पर पुष्प चढ़ा कर दे सकता है, लेकिन महापुरुषों को सच्ची श्रद्धांजलि ये होती है कि उन्होंने जो रास्ता दिखाया है उनके विचारों और सिद्धांतों पर कसम खाना ही सच्ची श्रद्धांजलि है.
वहीं, राजद प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा, अखिलेश यादव बिल्कुल सही बात कह रहे हैं. जेपी आंदोलन से निकले हैं नीतीश कुमार... उनके सपनों को बीजेपी चकनाचूर कर रही है. नीतीश कुमार को कुर्सी से बीजेपी कभी भी बेदखल करेगी. इसलिए अखिलेश यादव ने कहा कि नीतीश कुमार को केंद्र से बीजेपी से समर्थन वापस लेना चाहिए.
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वही, बीजेपी प्रवक्ता प्रभाकर मिश्रा ने कहा, अखिलेश यादव का मानसिक संतुलन बिगड़ गया है. ये उनकी संगति का असर है. जैसे लोगों के साथ रहेंगे, उसका असर व्यवहार, विचार और बयान पर पड़ेगा ही.अखिलेश यादव शायद भूल गए हैं कि जेपी ने किसके खिलाफ आंदोलन किया था और जेपी आंदोलन का मकसद क्या था.
रिपोर्ट: निषेद