Bihar Politics: देश में अगले साल लोकसभा चुनाव होने वाले हैं. इसको लेकर अभी से सभी दलों ने अपनी रणनीति पर काम करना शुरू कर दिया है. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी एक बड़े दावेदार माने जा रहे हैं. हालांकि उन्हें इसके लिए समूचे विपक्ष को राजी करना होगा. उधर बीजेपी एक बार फिर से पीएम मोदी के नेतृत्व में ही मैदान में है. मोदी की हैट्रिक के लिए अमित शाह ने कमान संभाल ली है. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING


बिहार में शाह उसी रणनीति पर काम कर रहे हैं जिसके लिए नीतीश कुमार जाने जाते हैं. पार्टी ने इस बार बिहार की सभी 40 सीटों को जीतने का लक्ष्य रखा है. इसके लिए शाह ने मास्टर प्लान तैयार किया है. शाह का फोकस उन 20 सीटों पर है, जहां पार्टी कमजोर है या गठबंधन के साथी जीते थे. इन सीटों में किशनगंज, सुपौल, मुंगेर, नवादा, वैशाली, वाल्मीकि नगर, झंझारपुर, गया, कटिहार, पूर्णिया, बांका, सीवान, नालंदा, जहानाबाद, काराकाट और सीतामढ़ी हैं. 


क्या बिहार में NDA खत्म हो जाएगा?


शाह ने हाल ही में अपने बिहार दौरे के वक्त सभी 40 सीटों पर लड़ने का ऐलान किया था. शाह के बयान से NDA में आने को बेताब चिराग पासवान और उपेंद्र कुशवाहा को बड़ा झटका लगा. यदि बीजेपी अकेले चुनाव लड़ेगी तो केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस की पार्टी का क्या होगा, जो अभी तक NDA का हिस्सा हैं. 2019 लोकसभा चुनाव में एनडीए गठबंधन ने बिहार में 40 में से 39 सीटों पर जीत हासिल की थी. इनमें 17 सीटें बीजेपी, 16 सीटें जदयू और 6 सीटें एलजेपी ने जीती थी. 2021 में नीतीश कुमार NDA से अलग हो गए थे. नीतीश का जाना बीजेपी के लिए बड़ा झटका था.


ये भी पढ़ें- 


महागठबंधन को अकेले हरा पाएगी BJP?


अमित शाह ने इस बार बिहार की सभी 40 सीटों को जीतने का लक्ष्य रखा है. इसके लिए उन्होंने मास्टर प्लान तैयार किया है. शाह का फोकस उन 20 सीटों पर है, जहां पार्टी कमजोर है या गठबंधन के साथी जीते थे. माना जा रहा है महागठबंधन से अकेले लड़ना बीजेपी को भारी पड़ सकता है. बीजेपी सूत्रों का कहना है कि गठबंधन के साथियों की उपेक्षा नहीं की जाएगी. उन्होंने कहा कि एक दल के रूप में हमें खुद को बढ़ाने का पूरा अधिकार है, लेकिन गठबंधन में हम दूसरे दलों का हमेशा सम्मान करते हैं. हमारे साथ आने वाले साथियों को पूरा सम्मान दिया जाएगा. मतलब नीतीश कुमार की तरह अब अमित शाह भी आखिरी समय तक अपनी रणनीति को सामने नहीं लाना चाहते हैं.