Assembly Election Result 2023: कर्नाटक-हिमाचल में जीत से उछल रही थी कांग्रेस, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में हार से तुरंत लगा दिया बैक गियर
Assembly Election Result 2023: अगर इन चुनावों को लोकसभा चुनाव 2024 का सेमीफाइनल कहा जाए तो इन तीनों ही राज्यों में बीजेपी के इस प्रदर्शन से एक बार फिर `ब्रांड मोदी` चमका है. वहीं उत्तर भारत के उलट दक्षिण में बीजेपी की तस्वीर बिल्कुल उलटी दिखती है.
Assembly Election Result 2023: याद करिए, कर्नाटक और हिमाचल प्रदेश के चुनावी नतीजे आए थे और कांग्रेस ने वहां भाजपा को करारी मात देते हुए अपना झंडा गाड़ दिया था. दोनों राज्यों में बीजेपी को करारी हार मिली थी और कांग्रेस ने इस जीत को इतना हाइप दिया कि अप्रैल-मई से चल रही इंडिया गठबंधन की कवायद को भी पार्टी ने कुछ देर के लिए ठंडे बस्ते में डाल दिया. नीतीश कुमार और ममता बनर्जी के अलावा अखिलेश यादव ने कांग्रेस के रुख को लेकर नाराजगी भी जताई लेकिन कांग्रेस को कोई फर्क नहीं पड़ा. कांग्रेस ने मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ के अलावा तेलंगाना और मिजोरम के चुनाव परिणाम में चमत्कार की उम्मीद करते हुए अपने सहयोगी दलों को नाराज करना उचित समझा. अब जब रुझानों में मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ हाथ से निकलता दिख रहा है तो खबर आ रही है कि इंडिया गठबंधन की बैठक जल्द बुलाई जा सकती है.
जाहिर है, इस हार के बाद अब कांग्रेस को लोकसभा चुनाव के लिए इंडिया गठबंधन की याद आ रही है. मतगणना के बीच में ही खबर आई है कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने 6 दिसंबर को इंडिया गठबंधन की बैठक बुलाई है. ये बैठक दिल्ली में हो सकती है. माना जा रहा है कि इस बैठक में 2024 लोकसभा चुनाव के लिए सीट शेयरिंग के फार्मूले पर बात हो सकती है. इसके अलावा इस बैठक में विपक्षी गठबंधन के संयोजक के नाम पर भी मुहर लग सकती है. अभी तक विपक्षी नेता तीन बार एक साथ बैठ चुके हैं लेकिन इन बातों पर कोई सहमति नहीं बन सकी है. इतना ही नहीं विपक्षी दलों में तमाम बातों को लेकर मतभेद देखने को मिलते रहे हैं.
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विपक्ष को एकजुट करने की पहल शुरू की थी. उस वक्त कांग्रेस पार्टी के कंधे झुके हुए थे, लिहाजा नीतीश कुमार ड्राइवर बन गए. लेकिन कांग्रेस पार्टी को जैसे ही कर्नाटक और हिमाचल प्रदेश में जीत मिली. कांग्रेस तुरंत उछलकर ड्राइविंग सीट में बैठ गई. पटना बैठक तक नीतीश कुमार अगुवाकार नजर आ रहे थे, लेकिन बेंगलुरु बैठक में कांग्रेस ने उन्हें साइडलाइन कर दिया. मुंबई में उद्धव ठाकरे या शरद पवार की जगह कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ही बैठक की अध्यक्षता करते नजर आए. अब दिल्ली में भी उन्होंने ही बैठक बुलाई है.
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अब कांग्रेस पार्टी पर क्षेत्रीय पार्टियां हावी हो सकती हैं. वैसे भी विधानसभा चुनावों में इंडिया गठबंधन में दरार देखने को मिली थी. सीट शेयरिंग को लेकर मध्य प्रदेश में कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के बीच सामन्जस्य नहीं बैठ सका था. अगर इन चुनावों को लोकसभा चुनाव 2024 का सेमीफाइनल कहा जाए तो इन तीनों ही राज्यों में बीजेपी के इस प्रदर्शन से एक बार फिर 'ब्रांड मोदी' चमका है. वहीं उत्तर भारत के उलट दक्षिण में बीजेपी की तस्वीर बिल्कुल उलटी दिखती है. तमाम कोशिशों के बावजूद बीजेपी दक्षिण में अपनी पोजिशन मजबूत करने में नाकाम रही है.