पटना : प्रयागराज में पूर्व सांसद और माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ अहमद की पुलिस कस्टडी के बीच हत्या ने बिहार की सियासत का तापमान भी बढ़ा दिया है. एक तरफ अतीक अहमद की हत्या के बाद जहां कई सियासी दल उसके समर्थन में बयान दे रहे हैं तो वहीं यूपी के लॉ एंड ऑर्डर कंडीशन को लेकर भी बिहार के सियासी दलों की तरफ से बयानबाजी जारी है. ऐसे में बिहार के उपमुख्यमंत्री और राजद नेता तेजस्वी यादव के अतीक अहमद पर दिए बयान के बाद वहां सियासी भूचाल आ गया है. 


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दरअसल बिहार में पप्पू यादव हों या फिर सीएम नीतीश कुमार इस हत्याकांड के बाद भड़क उठे हैं. सीएम नीतीश ने तो यहां तक कह दिया की अपराधी है तो सजा देने का काम कोर्ट का है किसी को गोली थोड़े मार देंगे. मतलब सीधे तौर पर ये नेता अतीक की हत्या को सरकारी तंत्र की कमजोरी मान रहे हैं. 


वहीं तेजस्वी यादव ने तो एक कदम आगे बढ़ते हुए अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ के जनाजे को भारतीय संविधान का जनाजा बता दिया. इसी दौरान तेजस्वी ने कहा कि उनकी कोई साहनुभूति अपराधियों से नहीं है अपराध तो खत्म होना ही चाहिए लेकिन उसके लिए देश में कोर्ट है कानून है संविधान है. प्रधानमंत्री की हत्या करनेवालों का भी इस देश में ट्रायल के बाद सजा मिली है. लेकिन यूपी में जो अतीक जी! के साथ हुआ यह जो जनाजा निकला वह कानून का जनाजा निकला है. 


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सोशल मीडिया पर तेजस्वी के द्वारा अतीक जी कहने की वजह से तेजस्वी यादव खूब ट्रोल हो गए तो वहीं दूसरी तरफ भाजपा ने भी जमकर उनके अतीक जी वाले बयान पर उनका विरोध किया. दरअसल ऐसे ही विरोध का सामना दिग्विजय सिंह को तब करना पड़ा था जब आतंकी हाफिज सईद, ओसामा बिन लादेन और जाकिर नाइक के लिए लिए दिग्गी राजा ने जी लगाकर इनका संबोधन किया था.   


बता दें कि भाजपा के सम्राट चौधरी ने अतीक जी वाले बयान पर तेजस्वी को घेरते हुए उनपर तुष्टीकरण की राजनीति का आरोप लगाया और कहा कि माफिया का सफाया होना चाहिए और इसको लेकर प्रशासन को खुली छूट होनी चाहिए. सोशल मीडिया पर भी लोग तेजस्वी के इस बयान पर काफी भड़के हुए नजर आ रहे हैं.