2024 लोकसभा चुनाव से पहले ऐसे बिहार में NDA के लिए पार्टियों को भाजपा ने किया सेट!
बिहार में एक तरफ नीतीश कुमार देश के सभी विपक्षी भाजपा विरोध दलों को एक मंच पर लाकर 2024 के चुनाव में भाजपा के हार के लिए रास्ता बनाने में जुटे हैं. वहीं भाजपा ने बिहार में नीतीश को ही तगड़ा झटका दिया है. महागठबंधन से भाजपा एक-एक कर नेताओं को बाहर लाने में कामयाब हो रही है.
Lok Sabha Election 2024: बिहार में एक तरफ नीतीश कुमार देश के सभी विपक्षी भाजपा विरोध दलों को एक मंच पर लाकर 2024 के चुनाव में भाजपा के हार के लिए रास्ता बनाने में जुटे हैं. वहीं भाजपा ने बिहार में नीतीश को ही तगड़ा झटका दिया है. महागठबंधन से भाजपा एक-एक कर नेताओं को बाहर लाने में कामयाब हो रही है. ऐसे में नीतीश जहां पूरे देश में भाजपा के खिलाफ जमीन तैयार करने की मंशा से निकले हैं. वहीं भाजपा प्रदेश में उनकी ही जमीन खोदने में लग गई है.
भाजपा ने लोकसभा चुनाव 2024 में महागठबंधन के खिलाफ अपने लिए एनडीए का पूरा खाका तैयार कर लिया है. भाजपा के सूत्रों की मानें तो पार्टी की तरफ से यह रास्ता निकाला गया है कि भाजपा बिहार में 40 में से 30 लोकसभा सीटों पर लड़ाई के लिए मैदान में उतरेगी वहीं 10 सीटों पर वह अपने सहयोगी दलों को लड़ने के लिए मैदान में उतारेगी.
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इन्हीं दस सीटों में पशुपति पारस के रालोजपा, चिराग पासवान की लोजपा(रामाविलास), जीतन राम मांझी की HAM, मुकेश सहनी की वीआईपी और नीतीश को छोड़कर बाहर आए उपेंद्र कुशवाहा की आरएलजेडी को जगह दी जाएगी. वैसे सहनी औ मांझी ने NDA के साथ आने का औपचारिक ऐलान नहीं किया है. हालांकि भाजपा नीतीश और तेजस्वी को बिहार में कमजोर करने के लिए इन सबको साथ लेकर आने की कोशिश में कामयाब होती नजर आ रही है.
बता दें कि बिहार बीजेपी की कोर ग्रुप की बैठक दिल्ली में केंद्रीय गृहमंत्री गिरिराज सिंह के आवास पर हुई थी. पार्टी सूत्रों की मानें तो इसमें इस बात को लेकर मंथन भी हुआ और इसपर बात बन भी गई है. वैसे भी चिराग और उपेंद्र कुशवाहा एनडीए में आने की पहले ही घोषणा कर चुके हैं. पशुपति पारस पहले से ही भाजपा के साथ हैं. वहीं जीतन राम मांझी ने नीतीश के महागठबंधन को झटका दे दिया है. वह भाजपा के साथ आएंगे ही क्योंकि वह पहले भी भाजपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ चुके हैं. वैसे मांझी इशारों में एक बात और कह चुके हैं कि उनकी पार्टी एक भी सीट पर चुनाव नहीं लड़ेगी मतलब मामला कुछ ज्यादा ही सेट हो गया है. वहीं मुकेश सहनी भी 25 जुलाई को इस बारे में बताएंगे की उनकी पार्टी किसके साथ गठबंधन में शामिल होगी.
ऐसे में भाजपा की तरफ से सहयोगियों के लिए जो 10 सीटें छोड़ने की बात हो रही है उसके बारे में कयास लगाया जा रहा है कि इसमें से 6 सीटें लोजपा के लिए जिसमें दोनों गुट शामिल होंगे. वहीं कुशवाहा के हिस्से में भी तीन सीट आ सकती है. इसके बाद बची एक सीट पर हम और मुकेश सहनी के एनडीए में आने पर भाजपा अपने कोटे से एक सीट उन्हें दे सकती है. हालांकि इसको लेकर भाजपा की तरफ से कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है.