Bihar Politics: बिहार विधानमंडल का मानसून सत्र अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया है. मानसून सत्र का अंतिम दिन भी हंगामे की भेंट चढ़ गया. अंतिम दिन की कार्यवाही में बीजेपी सदस्यों ने भाजपाइयों पर बिहार पुलिस के लाठीचार्ज का विरोध किया. पुलिस लाठीचार्ज के विरोध में बीजेपी नेता की मौत के विरोध में बीजेपी के सदस्यों ने वेल में आकर नारेबाजी की. नतीजा यह हुआ कि विधानसभा की पहली पाली महज 10 मिनट में ही स्थगित करनी पड़ी. लाठीचार्ज के विरोध में बीजेपी के सभी सदस्य सदन में काला गमछा बांधकर और बांह पर काली पट्टी लगाकर पहुंचे. 

 


38 मिनट की दूसरी पाली में वित्त मंत्री विजय कुमार चौधरी के वक्तव्य के बाद सदन ने अनुपूरक बजट को पारित कर दिया. इस दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी सदन में उपस्थित रहे. वहीं पहली पाली में विधानपरिषद की कार्यवाही शुरू होते ही बीजेपी के दिलीप जायसवाल ने कहा कि बीजेपी शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रही थी. पुलिस ने पहले जानबूझकर रूट डायवर्ट किया फिर बर्बरतापूर्ण लाठीचार्ज किया. सदन में नेता प्रतिपक्ष सम्राट चौधरी ने कहा कि इस घटना को लेकर सीएम और डिप्टी सीएम पर 302 यानी हत्या का मुकदमा होना चाहिए. उन्होंने कहा कि पोस्टमार्टम भी नहीं हुआ और पहले ही पुलिस और सत्ता पक्ष के नेता कहने लगे कि लाठी नहीं लगी है, जबकि सिर पर लाठी मारी गई है.

 


 

अंतिम दिन सिर्फ 4 मिनट चली कार्यवाही

 

लालगंज से बीजेपी विधायक संजय सिंह अचानक रिपोर्टर मेज पर चढ़ गए और अपना कपड़ा उठाकर चोट के निशान दिखाने लगे. सुरक्षाकर्मियों ने उठाकर उन्हें बाहर कर दिया. इस बीच बीजेपी के सदस्य लगातार नारेबाजी करते रहे. वे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का इस्तीफा मांग रहे थे. स्थिति की गंभीरता को देखते हुए विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी ने महज 4 मिनट में ही सदन की कार्यवाही भोजनावकाश तक के लिए स्थगित कर दिया.

 


 

हर दिन औसतन 10 लाख रुपये खर्च होते हैं

 

विधानसभा का सत्र चलने पर हर दिन औसतन 10 लाख रुपये खर्च होते हैं. विधानसभा की कार्यवाही में शामिल होने पर हर विधायक को 2,000 रुपये भत्ते के रूप में मिलते हैं. विधानसभा में 243 सदस्य हैं. उनका रोज का भत्ता ही 4 लाख 86 हजार होता है. विधानसभा में हर दिन स्टेशनरी वगैरह पर तकरीबन साढ़े तीन लाख खर्च होता है. मसलन एक दिन के सत्र संचालन में करीब 8 लाख से 10 लाख रुपये खर्च होते हैं.