Bihar: ना रविशंकर प्रसाद ना राधामोहन सिंह, क्या बिहार BJP में `टीम नड्डा` लायक कोई चेहरा नहीं?
नड्डा की टीम में राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया, छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह, झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुबर दास और मध्य प्रदेश से आने वाले सौदान सिंह को पार्टी का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया है. बिहार से सिर्फ एक नेता का नाम है.
JP Nadda New Team: बीजेपी ने अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है. बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने इसके लिए शनिवार (29 जुलाई) को अपनी नई टीम गठित कर ली है. नड्डा की नई टीम में 38 नामों को शामिल किया गया है. उन्होंने अपनी टीम में आगामी चुनावों के मद्देनजर कई समीकरणों का ध्यान रखा है. नड्डा की टीम में राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया, छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह, झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुबर दास और मध्य प्रदेश से आने वाले सौदान सिंह को पार्टी का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया है. बिहार से सिर्फ एक नेता का नाम है.
बिहार उन राज्यों में शामिल है, जहां बीजेपी खुद को मजबूत मानती है. फिर भी 38 पदाधिकारियों को बिहार जैसे बड़े राज्य से सिर्फ एक सचिव बनाया गया है. नड्डा ने अपनी नई टीम में बिहार को लेकर कई संकेत दिए हैं. इससे पहले राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रहे राधामोहन सिंह की अब छुट्टी कर दी गई है. इस लिस्ट में ना राधा मोहन सिंह हैं, ना रविशंकर प्रसाद और ना ही सुशील मोदी. बीजेपी के ही अंदरखाने में चर्चा है कि अब इन दिग्गजों की सियासी पारी का अंत होने जा रहा है.
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राधा मोहन सिंह और रविशंकर प्रसाद को पहले मोदी मंत्रिमंडल से हटाया गया था. उस वक्त लगा था कि अब उन्हें संगठन में बड़ी जिम्मेदारी दी जाएगी, लेकिन अब उन्हें संगठन से भी बाहर कर दिया गया है. सूत्र बताते हैं कि अगला नंबर उनकी सांसदी जाने का है. दोनों दिग्गज नेताओं की उम्र 70 साल से ज्यादा हो चुकी है. इसलिए ये लगभग तय हो गया है कि 2024 के लोकसभा चुनाव में राधामोहन सिंह का टिकट कटेगा. इन दोनों नेताओं लेकर तो तब से ही तरह-तरह की चर्चायें हो रही हैं, जब से उनकी केंद्रीय मंत्रिमंडल से छुट्टी हुई थी. किसी ने भी नहीं सोचा था कि उन्हें मंत्रिमंडल से बाहर किया जा सकता है.
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सुशील मोदी को बीजेपी का मौजूदा नेतृत्व पसंद नहीं करता है. लेकिन सुशील मोदी जिस तरह से नीतीश-तेजस्वी का काउंटर करते हैं, पार्टी को वैसा करने वाला अभी कोई दूसरा नेता नहीं मिल रहा. लिहाजा बिहार की सियासत में सुशील मोदी बीजेपी के लिए मजबूरी बने हुए हैं. वहीं दूसरी ओर नड्डा की टीम में बिहार के एकमात्र प्रतिनिधि रितुराज सिन्हा राष्ट्रीय सचिव बनाया गया है. वे पिछली कमेटी में भी इसी पद पर थे. रविशंकर प्रसाद को केंद्रीय मंत्रिमंडल से हटाये जाने के बाद नरेंद्र मोदी सरकार में बिहार से कायस्थ जाति का कोई मंत्री नहीं है. जबकि कायस्थ वोटर बीजेपी के हार्डकोर समर्थक माने जाते रहे हैं. ऐसे में रितुराज सिन्हा को बिहार के कायस्थों का नुमाइंदे के तौर पर राष्ट्रीय कमेटी में शामिल किया गया है.
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, 2024 में रविशंकर प्रसाद का टिकट कट सकता हैं. पटना साहिब सीट से अब रविशंकर की जगह रितुराज को टिकट मिल सकता है. दावेदारों की सूची में विधायक नितिन नवीन और अजय आलोक का नाम भी शामिल है. हालांकि, जिस तरह से पार्टी आलाकमान ने रितुराज पर भरोसा जताया है, इससे उनके आसार ज्यादा नजर आ रहे हैं.