Nitish Kumar Cabinet: लोकसभा चुनावों में अब महज कुछ ही वक्त बचा है. चुनाव से पहले बिहार सरकार ने प्रदेश के 94 लाख गरीब परिवारों को 2-2 लाख रुपए देने का बड़ा फैसला लिया है. ये रकम बिहार लघु उद्यमी योजना के तहत दी जाएगी. इस योजना के तहते लोगों को स्वरोजगार के लिए 3 किश्तों में यह रकम दी जााएगी. लाभार्थियों को यह राशि तीन किश्तों दी जाएगी. पहली किश्त लोकसभा चुनाव से पहले दे दी जाएगी. इस फैसले को मंगलवार (16 जनवरी) को हुई बिहार मंत्रिमंडल की बैठक में हरी झंडी दे दी गई है. बैठक में 18 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई. 


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किसे मिलेगा इस योजना का लाभ?


बिहार कैबिनेट ने 6,000 रुपये या उससे कम मासिक आय वाले लगभग 94 लाख परिवारों को उद्यमिता व स्वरोजगार के लिए राज्य सरकार की लघु उद्यमी योजना के तहत दो-दो लाख रुपये की वित्तीय सहायता देने को मंगलवार (16 जनवरी) को मंजूरी दे दी. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को संपन्न राज्य मंत्रिमंडल की बैठक के बाद अतिरिक्त मुख्य सचिव (कैबिनेट सचिवालय) एस सिद्धार्थ ने कहा कि जाति-आधारित सर्वेक्षण रिपोर्ट के अनुसार बिहार में 94,33,312 परिवार हैं जो 6,000 रुपये प्रति माह या उससे कम की आय पर जीवन यापन करते हैं. अब, राज्य सरकार बिहार लघु उद्यमी योजना के तहत उद्यमिता और स्वरोजगार के लिए प्रत्येक को दो लाख रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान करेगी.


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उन्होंने कहा कि उद्योग विभाग के अपर मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली समिति की मंजूरी के बाद ही ऐसे परिवारों को वित्तीय सहायता दी जाएगी. उन्होंने कहा कि बिहार लघु उद्यमी योजना के तहत लाभार्थी लघु-कुटीर उद्योगों में निवेश कर सकते हैं जिसमें हस्तशिल्प, कपड़ा, सेवा क्षेत्र और बिजली के सामान शामिल हैं. राशि किस्तों में जारी की जाएगी. कैबिनेट ने असंगठित क्षेत्रों में काम करने वाले मजदूरों को मृत्यु और विकलांगता की स्थिति में मिलने वाले मुआवजे में भी बढ़ोतरी की है. 


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कार्यक्षेत्र पर दुर्घटना में मिलेगा मुआवजा


सिद्धार्थ ने बताया कि असंगठित क्षेत्रों में काम करने वाले मजदूरों (या उनके परिवारों) को अब मृत्यु (अप्राकृतिक/आकस्मिक) के मामले में दो लाख रुपये (पहले यह एक लाख रुपये था) और स्थायी विकलांगता के लिए एक लाख रुपये (पहले यह 75,000 रुपये था) का मुआवजा मिलेगा. इसी तरह, किसी मजदूर की प्राकृतिक मृत्यु के मामले में उसके परिवार के सदस्य को वित्तीय सहायता के रूप में 50,000 रुपये मिलेंगे. इसके अलावा, कैबिनेट ने बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) और संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की परीक्षाओं की तैयारी के वास्ते आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों (ईबीसी) के लिए राज्य सरकार के मौजूदा प्रोत्साहन के विस्तार को भी मंजूरी दे दी.