Patna Paliganj PHC: बिहार की नीतीश सरकार प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को सुधारने के तमाम बड़े-बड़े दावे करती है. लेकिन राजधानी पटना के पालीगंज में स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ने सरकार के इन दावों की पोल खोल दी है. PHC में सुविधाओं की कमी के कारण बंध्याकरण कराने आई महिलाओं को पेड़ के नीचे बैठना पड़ा. बताया जा रहा है कि प्राथमिक स्वाथ्य केंद्र में बुधवार (18 दिसंबर) को नशबंदी कराने के लिए महिलाएं जुटी थीं, लेकिन महिलाएं भवन के बाहर पेड़ के नीचे बेड पर नजर आईं. इन बेड के नीचे पानी जमा था, जिससे ठंड और भी बढ़ गई. महिलाओं को न तो धूप मिल रही थी और न ही ठंड से बचाव का कोई इंतजाम था.


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वहीं पेड़ के नीचे बेड पर लेटी महिलाओं ने बताया कि हमसभी नशबंदी कराने आए हैं. हमारे बैठने के लिए पेड़ के नीचे बेड लगाए गए हैं. बेड के नीचे भी पानी जमा है. खुला आसमान और नीचे पानी होने के कारण काफी ठंड महसूस होती है. उन लोगों ने बताया कि यहां देखरेख करने वाला कोई नहीं है. पानी की टंकी भरने के लिए मोटर चालू कर छोड़ दी गई थी. जिसके कारण पानी की टंकी का पानी इधर-उधर फैल कर जमा हो गया है. इसे यहां के स्वास्थ्यकर्मी और पदाधिकारी देख रहे हैं, लेकिन किसी ने अभी तक ध्यान नहीं दिया है. पीएचसी प्रभारी भी इस पर ध्यान नहीं दिए हैं.


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इस मामले में स्थानीय लोगों ने PHC प्रभारी डॉ बिपिन कुमार पर गंभीर आरोप लगाए. स्थानीय लोगों का कहना है कि डॉ बिपिन कुमार के तानाशाही रवैये और मनमानी कार्यशैली के कारण पालीगंज PHC की स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है. मरीज हों या कर्मचारी, सभी उनकी कार्यशैली से परेशान हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि यहां कोई देखरेख करने वाला नहीं है.


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