Bihar News: बिहार को जल्द मिल सकता है नया DGP, नए मुख्य सचिव की लिस्ट में इस कड़क अधिकारी का नाम शामिल
Bihar News: नए डीजीपी की रेस में सीनियर आईपीएस अधिकारी विनय कुमार, आलोक राज और शोभा अहोतकर के नाम शामिल हैं. तो वहीं नए मुख्य सचिव के तौर पर आईएएस अधिकारी केके पाठक, चैतन्य प्रसाद और अमृत लाल मीणा के नाम की चर्चा हो रही है.
Bihar News: बिहार को नए मुख्य सचिव और नए डीजीपी मिल सकते हैं. दरअसल, राज्य के मौजूदा मुख्य सचिव ब्रजेश मेहरोत्रा 31 अगस्त को रिटायर हो रहे हैं. वहीं बिहार के मौजूदा DGP आरएस भट्टी भी केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जाने वाले हैं. बता दें कि आरएस भट्टी 20 दिसंबर 2022 को बिहार के डीजीपी बने थे. उन्होंने खुद ही केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जाने की इच्छा जताई है. हालांकि, अगर वे चाहते तो सितंबर 2025 तक इस पद पर बने रह सकते थे. नए डीजीपी की रेस में सीनियर आईपीएस अधिकारी विनय कुमार, आलोक राज और शोभा अहोतकर जैसे नाम शामिल हैं. तो वहीं नए मुख्य सचिव के तौर पर 1990 बैच के कड़क आईएएस अधिकारी केके पाठक, 1990 बैच के आईएएस अधिकारी चैतन्य प्रसाद और 1989 बैच के आईएएस अधिकारी अमृत लाल मीणा का नाम शामिल है.
वरीयता के हिसाब से देखा जाए तो अमृत लाल मीणा को मौका मिल सकता है. वह जुलाई 2025 में रिटायर होंगे. वे अभी केंद्रीय प्रतिनियुक्ति में कोयला सचिव हैं. वहीं चैतन्य प्रसाद अगस्त 2025 में रिटायर होंगे. अभी वह बिहार सरकार में विकास आयुक्त हैं. साथ ही जल संसाधन विभाग के मुख्य सचिव की जिम्मेदारी उठा रहे हैं. केके पाठक भी 2025 के बाद रिटायर होंगें. बिहार में पूर्ण शराबबंदी जब लागू की गई थी तो इन्हीं के कंधों पर सफल बनाने की जिम्मेदारी थी. बिहार के शिक्षा विभाग सहित कहीं विभागों में केके पाठक अपनी बड़ी भूमिका निभा चुके हैं.
ये भी पढ़ें- नींद से जागी बिहार सरकार! बिना एनओसी के नहीं बनेगा पुल, इस विभाग से लेनी होगी अनुमति
हालांकि, कड़क मिजाज के कारण विवादों में भी रहे हैं. 2028 में रिटायर होंगे तो अभी लंबा समय इनके पास है. शिक्षा विभाग के एसीएस एस सिद्धार्थ भी रेस में शामिल हैं. सीएम नीतीश कुमार ने केके पाठक के बाद एस सिद्धार्थ को ही शिक्षा विभाग की जिम्मेदारी सौंपी है. वे भी केके पाठक की तरह ही सख्त फैसले ले रहे हैं. उन्होंने अब शिक्षा विभाग में नया नियम लागू किया है जिसके तहत अब 50 हजार रुपये से अधिक के निर्माण कार्यों के लिए जिलाधिकारी (DM) टेंडर जारी करेंगे. पहले यह काम स्कूल प्रबंधन समिति करती थी, जिसके कारण कई बार अनियमितताएं और भ्रष्टाचार की शिकायतें आती थीं.