Bihar MLC Election 2024: लोकसभा चुनाव से पहले NDA की अग्निपरीक्षा, विधान परिषद में CM नीतीश-राबड़ी समेत इन सदस्यों का पूरा हो रहा कार्यकाल
Bihar MLC Election 2024: बिहार विधान परिषद से सीएम नीतीश कुमार, नेता-प्रतिपक्ष राबड़ी देवी, सैयद शाहनवाज हुसैन, प्रेमचंद्र मिश्रा, संजय झा, संतोष कुमार सुमन, मंगल पांडेय, खालिद अनवर, रामचंद्र पूर्वे, रामेश्वर महतो और संजय पासवान का नाम शामिल है जिनका कार्यकाल खत्म होने वाला है.
Bihar MLC Election 2024: लोकसभा चुनाव से पहले बिहार में एनडीए का लिटमस टेस्ट होने वाला है. बिहार विधान परिषद की 11 सीटों के लिए द्विवार्षिक चुनाव की घोषणा की गई है. 11 सीटों के लिए 21 मार्च को मतदान होगा और शाम को ही परिणाम की घोषणा हो जाएगी. जिन 11 सदस्यों का कार्यकाल समाप्त हो रहा है, उनमें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और बिहार विधान परिषद की नेता प्रतिपक्ष राबड़ी देवी भी शामिल हैं. इसके अलावा सैयद शाहनवाज हुसैन, प्रेमचंद्र मिश्रा, संजय झा, संतोष कुमार सुमन, मंगल पांडेय, खालिद अनवर, रामचंद्र पूर्वे, रामेश्वर महतो और संजय पासवान का नाम शामिल है जिनका कार्यकाल खत्म होने वाला है.
चुनाव आयोग के मुताबिक, 4 मार्च को अधिसूचना जारी होगी. साथ ही नामांकन करने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. नामांकन करने की अंतिम तिथि 11 मार्च है, जबकि नामांकन पत्रों की जांच 12 मार्च को होगी. उम्मीदवार 14 मार्च तक नामांकन वापस ले सकेंगे. 21 मार्च को सुबह 9 बजे से शाम चार बजे तक मतदान होगा. मतदान के बाद उसी दिन मतगणना की तिथि भी निर्धारित की गई. चुनाव आयोग ने साफ कहा है कि चुनाव प्रक्रिया 23 मार्च के पहले पूरी कर ली जाएगी. दलों के हिसाब से बीजेपी के तीन, जदयू के चार, राजद के दो,कांग्रेस और हम के एक-एक सदस्य रिटायर हो रहे हैं. इस तरह से एनडीए खेमे से 8 और इंडिया ब्लॉक से 3 सीटें खाली हो रही हैं.
बता दें कि विधान परिषद की एक सीट पर जीत के लिए विधानसभा के 21 सदस्यों के वोट की जरूरत होगी. विधानसभा में संख्याबल के हिसाब से एनडीए आसानी से 6 सीटों पर जीत हासिल कर लेगा. वहीं विपक्ष को 5 सीटों पर जीत के लिए 105 विधायकों के वोट की दरकार होगी. इस बार की बदली परिस्थितियों में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और विरोधी दल की नेता राबड़ी देवी का चुना जाना तय है. अगर जीतन राम मांझी के बेटे संतोष सुमन लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे, तो उनका जीतना पक्का माना जा रहा है. हालांकि, सूत्रों के मुताबिक संतोष सुमन गया सीट से लोकसभा चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं. लिहाजा उन्हें फिर मौका नहीं दिया जा सकता है. हम के हिस्से की सीट पर भी बीजेपी अपना उम्मीदवार उतार सकती है.
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दरअसल, 2015 के विधानसभा चुनाव में जेडीयू के विधायकों की संख्या ज्यादा थी इसलिए जेडीयू की ओर से चार विधान पार्षद थे, लेकिन बीजेपी के पास संख्या कम थी तो तीन ही विधान पार्षद थे. इस बार समीकरण ठीक उल्टा है. बीजेपी के पास 78 विधायक हैं जबकि जेडीयू के पास 45 विधायक हैं. ऐसे में चार सदस्य बीजेपी से और दो सदस्य जेडीयू से होने की उम्मीद है. सूत्रों का कहना है कि शाहनवाज हुसैन को भी भागलपुर सीट से लोकसभा चुनाव लड़वाया जा सकता है. इसके अलावा जेडीयू के संजय झा की सीट पहले ही खाली हो चुकी है और उन्हें राज्यसभा भेजा जा चुका है. जेडीयू की ओर मुस्लिम का एक नया चेहरा विधान परिषद में आ सकता है.