Bihar Politics: बिहार को विशेष राज्य की दर्जा की मांग एक बार फिर से तेज हो गई है. जेडीयू के वरिष्ठ नेता और बिहार सरकार में अशोक चौधरी ने स्पेशल स्टेट स्टेटस को लेकर बीजेपी की टेंशन बढ़ा दी है. अशोक चौधरी ने कहा कि विशेष राज्य का दर्जा अगर नहीं मिला, परिस्थितियां ऐसी नहीं बनीं, तो हमें कम से कम विशेष पैकेज मिलना चाहिए. उन्होंने कहा कि इस बजट सत्र में हम लोग विशेष पैकेज या विशेष राज्य के दर्जे की मांग जरूर करेंगे. मंत्री अशोक चौधरी ने आगे कहा कि विशेष राज्य का दर्जा पैकेज की तरह ही रहता है. राज्य का जो कंट्रीब्यूशन पहले 10 प्रतिशत का होता था और 90 प्रतिशत भारत सरकार देती थी, अब वो 50-50 हो चुका है. उन्होंने कहा कि इसमें हमारा कंट्रीब्यूशन घटे और यह भारत सरकार के तय करना है कि किस तरह से यह फार्मूला बनेगा. 


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इससे पहले मंत्री विजय चौधरी ने भी विशेष राज्य के दर्जे की मांग उठाई है. उन्होंने हमलोग विशेष राज्य का दर्जा चाहते हैं, लेकिन कोई दिक्कत है तो हम लोग विशेष पैकेज की मांग करते हैं. यानी विशेष सहायता मांगते हैं. बिहार भाग्यशाली प्रदेश नहीं है. उन्होंने यह भी कहा कि सीमित संसाधन के बावजूद नीतीश कुमार ने पूरे देश को बता दिया कि हमारे संसाधन कम है, लेकिन तरक्की की रफ्तार में किसी विकसित प्रदेश से कम नहीं है. विजय चौधरी ने आगे कहा कि हम इस देश के किसी प्रदेश के मुकावाले अच्छी गति से तरक्की कर रहे हैं, लेकिन फिर भी गरीब बने हुए हैं इसलिए बिहार को विशेष राज्य का दर्जा या विशेष पैकेज की आवश्यकता है.


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बता दें कि बिहार को लंबे वक्त से विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग हो रही है. 2005 में नीतीश कुमार जब मुख्यमंत्री बने, तब से बिहार को विशेष राज्य की दर्जा देने की मांग कर रहे हैं. माना जा रहा है कि केंद्र सरकार इस बार बिहार को स्पेशल स्टेट का दर्जा या स्पेशल पैकेज दे सकती है. दरअसल, अगले साल यानी 2025 में प्रदेश में विधानसभा का चुनाव प्रस्तावित है. चुनाव के बिगुल बजने में अब 14 महीने का वक्त ही बचा है. अगर अभी बिहार को केंद्र यह दर्जा देगी, तभी धरातल पर चुनाव तक इसका प्रभाव दिखेगा.