Bihar Politics: दिसंबर की कड़ाके वाली सर्दी के बीच बिहार का सियासी पारा काफी चढ़ा हुआ है. इंडी अलायंस की दिल्ली बैठक के बाद से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार काफी नाराज हैं. इससे प्रदेश में सियासत की नई खिचड़ी पक रही है. इसमें किस तरह का तड़का लगेगा, इसे जानने के लिए तो थोड़ा इंतजार करना ही पड़ेगा. लेकिन इससे पहले सीएम नीतीश कुमार का हृदय परिवर्तन साफ नजर आ रहा है. इंडी गठबंधन में नजरअंदाज किए जाने के बाद मुख्यमंत्री को आज भाजपाई अच्छे लगने लगे हैं.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

जेडीयू ने बीजेपी के संस्थापक सदस्य स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी के बाद अब भाजपा के दिवंगत नेता अरुण जेटली को श्रद्धांजलि दी है. जेडीयू की ओर से बीजेपी के दिवंगत नेताओं के प्रति इतना सम्मान बड़े राजनीतिक उलटफेर के संकेत दे रहे हैं. नीतीश कुमार ने जब से बीजेपी का साथ छोड़ा है, तब से पहली बार जेडीयू की ओर से जेटली को श्रद्धांजलि दी गई है. इससे पहले सीएम नीतीश कुमार ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जमकर तारीफ की थी. अटल जी की जयंती पर सीएम नीतीश ने कहा था कि अटल जी के प्रति सदैव मेरे मन में आदर का भाव रहेगा. वह मुझे बहुत मानते थे. 


 



ये भी पढ़ें- 


नीतीश कुमार ने कहा था कि अटल जी ने ही हमको सीएम बनाया था. उन्होंने अपनी कैबिनेट में मुझे जगह दी और तीन-तीन विभाग की जिम्मेदारी हमें दी थी. राजनीतिक पंडितों का कहना है कि नीतीश कुमार का हृदय परिवर्तन अचानक नहीं हुआ है. जिस इंडी गठबंधन की उन्होंने नींव रखी थी, अब उसी गठबंधन में उनको कोई तवज्जो नहीं मिल रही है. इस उठापटक के बीच मुख्यमंत्री आज यानी 28 दिसंबर को दिल्ली जा रहे हैं. उधर बीजेपी आलाकमान ने भी बिहार प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी को दिल्ली तलब कर लिया है. 


ये भी पढ़ें- 


बताया जा रहा है कि जो कुछ भी होना है, बिहार के इन दो नेताओं के दिल्ली दौरे में तय हो जाएगा. इतने सारे संयोग अगर एक साथ मिल रहे हैं तो समझ ​लीजिए, सियासत बदलाव के मूड में है और यह महज इत्तेफाक तो नहीं ही हो सकता. वैसे भी नीतीश कुमार के बारे में कहा जाता है कि वो जब भी एक दरवाजे को खोलते हैं तो पीछे वाली खिड़की को भी खोलकर रखते हैं. ये बात किसी और ने नहीं बल्कि नीतीश कुमार के साथ काम कर चुके हैं चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने कही है.