Misa Bharti And Rohini Acharya Naming: राजद अध्यक्ष लालू यादव ने इस लोकसभा चुनाव में अपनी दो बेटियों मीसा भारती और रोहिणी आचार्य को चुनावी मैदान में उतारा है. मीसा भारती एक बार फिर से पाटलिपुत्र सीट से चुनाव लड़ रही हैं, जबकि रोहिणी आचार्य को सारण सीट से उतारा गया है. मीसा और रोहिणी दोनों अपने-अपने संसदीय क्षेत्र में काफी मेहनत करने में जुटी हैं. आज हम आपको मीसा भारती और रोहिणी आचार्य के नामकरण की कहानी बताने जा रहे हैं. लालू ने मीसा का नाम कैसे रखा, इसकी कहानी तो कई लोग जानते होंगे, लेकिन रोहिणी आचार्य के नामकरण के पीछे का किस्सा शायद ही किसी को पता होगा.


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आपातकाल के समय जन्मी थीं मीसा 


मीसा भारती का जन्म उस वक्त हुआ था, जब देश में आपातकाल लगा हुआ था. दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 25 जून 1975 से 21 मार्च 1977 तक का 21 महीने तक देश में आपातकाल लगा दिया था. स्वतंत्र भारत के इतिहास में यह सबसे विवादास्पद और अलोकतांत्रिक काल था. इस दौरान विपक्ष के सभी नेताओं को जेल में बंद कर दिया था. राजद अध्यक्ष लालू यादव उस वक्त छात्र नेता हुआ करते थे. आपातकाल के दौरान उनको भी गिरफ्तार कर लिया गया था और कई महीनों तक जेल में रखा गया था. इसी अवधि में लालू की पत्नी राबड़ी देवी ने एक बेटी को जन्म दिया, जिसका नाम मीसा भारती रखा गया. 


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मीसा कानून के विरोध में नाम रखा मीसा


आपातकाल के दौरान इंदिरा गांधी ने आंतरिक सुरक्षा रखरखाव अधिनियम (MISA) 1971  में कई संशोधन करके इसका इस्तेमाल विपक्ष की आवाज को दबाने के लिए किया था. इस कानून के तहत एक लाख से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया गया था. इस कानून के जरिए सुरक्षा के नाम पर लोगों को प्रताड़ित किया गया, उनकी संपत्ति छीनी गई. बदलाव करके इस कानून को इतना कड़ा कर दिया गया कि न्यायपालिका में बंदियों की कहीं कोई सुनवाई नहीं थी. कई बंदी तो ऐसे भी थे जो पूरे 21 महीने के आपातकाल के दौरान जेल में ही कैद रहे. लालू यादव के अनुसार, मीसा कानून के विरोध में उन्होंने अपनी बेटी का नाम मीसा रखा था. 


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रोहिणी को कैसे मिला आचार्य सरनेम?


रोहिणी के सरनेम में यादव की जगह आचार्य है. इसके पीछे भी बड़ी दिलचस्प कहानी है. साल 1979 में राबड़ी देवी एक बार फिर मां बनने वाली थी. इस बार बच्चे के जन्म में कुछ समस्याएं आ गई थीं. डॉक्टरों ने लालू यादव को ऑपरेशन कराने की सलाह दी. जानकारी के मुताबिक, ऑपरेशन की बात सुनकर लालू यादव घबरा गए थे. हालांकि, फिर उन्होंने उस समय पटना की मशहूर महिला डॉक्टर कमला आचार्य से संपर्क किया. कमला आचार्य ने राबड़ी देवी का सफल ऑपरेशन किया. ऑपरेशन पूरा होने के बाद डॉक्टर कमला आचार्य ने लालू यादव से फीस में बच्ची को उनका सरनेम देने की बात कही. जिसे लालू यादव ने स्वीकार कर लिया था. रोहिणी नक्षत्र में जन्म लेने के कारण नाम रोहिणी और डॉक्टर कमला का सरनेम जोड़कर बेटी का नाम रोहिणी आचार्य पड़ा.