Bihar Politics: क्या बिहार में एक बार फिर से सत्ता परिवर्तन होने वाला है? क्या केंद्र की मोदी सरकार पर संकट के बादल मंडराने वाले हैं? क्या नीतीश कुमार फिर से पलटी मारेंगे? ये वो सवाल हैं जो इस समय बिहार ही नहीं बल्कि पूरे देश के सियासी गलियारों में चर्चा में हैं. दरअसल, केंद्र सरकार की ओर से बिहार को स्पेशल स्टेट का दर्जा देने से सीएम नीतीश कुमार को तगड़ा झटका लगा है. जेडीयू पिछले 20 सालों से यह मांग कर रही है. हालांकि, 2014 के बाद से यह मुद्दा दब गया था. इस बार लोकसभा चुनाव में किंगमेकर बनकर उभरने के बाद जेडीयू ने फिर से इस मुद्दे को फिर से उठा दिया था. 


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अब केंद्र सरकार ने संसद में लिखित में कह दिया है कि बिहार को स्पेशल स्टेट का दर्जा देना संभव नहीं है. इससे बिहार का सियासी पारा चढ़ गया है. विपक्ष अब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमलावर है और नीतीश कुमार को एनडीए से बाहर निकलने की सलाह दे रहा है. इसी मुद्दे पर बिहार कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह ने कहा कि नीतीश कुमार सीएम पद से इस्तीफा दें और एनडीए सरकार से समर्थन भी वापस लें.


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उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार इंडिया गठबंधन छोड़कर एनडीए के साथ इसलिए गए थे कि जब डबल इंजन की सरकार बनेगी तो बिहार को विशेष राज्य का दर्जा प्राप्त होगा और राज्य का चहुंमुखी विकास होगा. लेकिन बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने से इनकार किए जाने के बाद अब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को सोचना है कि क्या वे केंद्र की एनडीए सरकार से समर्थन वापस लेंगे? कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने सीएम पर जोरदार हमला करते हुए कहा कि आखिर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार राजनीतिक लोभ में कब तक सत्ता के लिए भाजपा और एनडीए का साथ देकर बिहार के विकास की गति को अवरुद्ध करते रहेंगे.