Nitish Kumar Sex Remark: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जनसंख्या नियंत्रण को लेकर दिए गए बयान पर माफी मांग ली है. सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि आपको तकलीफ हुई तो मैं माफी मांगता हूं. मुख्यमंत्री ने कहा कि मैंने बिहार में पढ़ाई के लिए इतना ज्यादा रुपया तय किया और बच्चियों को पढ़ाना शुरू किया. मेरे मन से कोई शब्द बात आ गई, पुरुष और स्त्री को लेकर मैं माफी मांगता हूं. मुख्यमंत्री के माफी मांग लेने के बाद भी बीजेपी माफ करने को तैयार नहीं है. विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष ने साफ कहा है कि इस बयान के बाद मुख्यमंत्री को अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए.


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अब सवाल ये है कि क्या मुख्यमंत्री के माफी मांग लेने से महिलाएं उस बयान को भूल जाएंगी और क्या वह नीतीश कुमार को माफ कर देंगी. विजय सिन्हा के बयान से तो नहीं लगता कि महिलाएं इतनी आसानी से मुख्यमंत्री को माफ करने को तैयार हैं. विजय सिन्हा ने कहा कि मुख्यमंत्री ने जो बयान दिया उससे मां-बहनों में काफी आक्रोश देखने को मिल रहा है. बीजेपी के दिग्गज नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी भी यही बात कर रहे हैं. सुशील मोदी ने कहा कि भले ही उन्होंने माफी मांग ली है लेकिन पूरा बिहार शर्मसार हुआ है. उनकी इतनी हिम्मत कैसे हुई कि वह इस तरह का लैंगिक बयान दें?


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हालांकि, सुशील मोदी ने ये भी कहा कि मैंने तो कभी नहीं देखा था कि नीतीश कुमार इस तरह की भी टिप्पणी करते हों. आम लोग और मीडिया के साथी भी मानते हैं कि नीतीश कुमार बड़े नपे तुले शब्दों का इस्तेमाल करते हैं. फिर आखिर मंगलवार (7 नवंबर) को नीतीश कुमार के साथ ऐसा क्या हुआ कि उन्होंने इतनी लूज बॉल फेंक दी. एक बार अगर कहा होता तो लगता कि गलती से निकल गया होगा. लेकिन नीतीश कुमार ने पहले विधानसभा में और फिर बाद में विधान परिषद में उन्हीं शब्दों और बातों को दोहराया. मतलब साफ है कि गलती नहीं थी, वह बड़ा सोच-समझकर बोल रहे थे.


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नीतीश कुमार के बयान पर खुद जेडीयू के साथी परेशान थे कि मुख्यमंत्री क्या बोल रहे हैं. हालांकि, तेजस्वी यादव ने फिर भी गठबंधन धर्म का पालन करते हुए उनका बचाव करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री का बयान सेक्स एजुकेशन को लेकर था. जब भी सेक्स एजुकेशन की बात की जाती है तो लोग शर्माते हैं, झिझकते हैं, इससे बचना चाहिए. वहीं राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने कहा कि विधानसभा में मुख्यमंत्री की अशोभनीय टिप्पणी अपमानजनक है. उनके भाषण के दौरान इस्तेमाल की गई ऐसी अपमानजनक और घटिया भाषा हमारे समाज पर एक काला धब्बा है.