Bihar: भड़काऊ कपड़े में `मैडम जी` और दाढ़ी वाले `मास्टर साहब` सावधान! बिहार में टीचरों के लिए ड्रेस कोड जारी
महिला टीचर को भड़काऊ कपड़े पहनकर स्कूल आने से रोका गया है. वहीं दाढ़ी रखने वाले पुरुष टीचरों को अब क्लीन सेव में आना होगा. अगर आदेश नहीं माना गया तो कार्रवाई तय है.
Bihar Teacher Dress Code: बिहार के सरकारी टीचरों पर शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक का हंटर जारी है. बिहार के बेगूसराय में टीचरों के लिए भी ड्रेस कोड जारी कर दिया गया है. ड्रेस कोड में जींस-टीशर्ट पर पूरी तरह से बैन लगा दिया गया है. महिला टीचर को भड़काऊ कपड़े पहनकर स्कूल आने से रोका गया है. वहीं दाढ़ी रखने वाले पुरुष टीचरों को अब क्लीन सेव में आना होगा. अगर आदेश नहीं माना गया तो कार्रवाई तय है. ये आदेश बेगूसराय के जिला शिक्षा पदाधिकारी ने जिले के सभी प्रधान शिक्षकों/शिक्षकों के लिए जारी किया है.
इस आदेश में शिक्षकों को 14 बातों का ख्याल रखने को कहा गया है. जिसमें स्कूल परिसर की साफ-सफाई से लेकर टीचरों का ड्रेस कोड तक शामिल है. शिक्षिकाओं को भारतीय परिधान में ही विद्यालय आने की सलाह दी गई है. आदेश में साफ कहा गया है कि शिक्षिकाओं द्वारा विद्यालय आने में भड़काऊ/ज्यादा चमकीले वस्त्रों का प्रयोग नहीं किया जाए. आदेश में पुरुष टीचरों के लिए भी दिशानिर्देश जारी किए गए हैं. जिसके अनुसार, शिक्षक जींस और टी-शर्ट पहनकर विद्यालय में नहीं आएंगे और दाड़ी बढ़ाकर नहीं रखेंगे.
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इससे पहले शिक्षा विभाग ने ऑफिस आने वाले कर्मचारियों के जींस और टी-शर्ट पहनने पर रोक लगाई थी. विभाग की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि जींस और टीशर्ट आफिशियल कल्चर के खिलाफ है. इससे गरिमा नहीं झलकती है. आदेश में सभी कर्मचारियों से कहा गया है कि वह फॉर्मल ड्रेस में ही अपने कार्यालय आएं. यह आदेश शिक्षा विभाग के निदेशक (प्रशासन) सुबोध कुमार चौधरी ने जारी किया था. माना जा रहा है कि यह आदेश शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के निर्देश पर जारी किया गया था.
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बता दें कि केके पाठक पुराने नियमों के साथ कुछ नए नियमों को लागू करने की कोशिश में लगे हैं. अब गुरुजी को समय पर स्कूल पहुंचाना पड़ रहा है और निर्धारित अवधि तक वहां डटे रहना पड़ रहा है. अपर मुख्य सचिव ने क्लास में शिक्षकों के कुर्सी के उपयोग पर रोक लगा दिया है. वरीयता क्रम में शिक्षकों की सूची स्कूल में प्रदर्शित करने, शौचालय की साफ-सफाई और क्षतिग्रस्त शौचालय की मरम्मत शीघ्र कराने का निर्देश दिया गया है. पुरानी व्यवस्था में बदलाव देख आम जनता काफी खुश है.