Bihar Politics: बिहार को विशेष राज्य का दर्जा की मांग को आज (सोमवार, 22 जुलाई) केंद्र सरकार से तगड़ा झटका लगा है. सरकार ने आज संसद में स्पष्ट कर दिया है कि बिहार को स्पेशल राज्य का दर्जा नहीं दिया  जा सकता है. संसद में केंद्र सरकार ने लिखित में इसका जवाब दिया है. एक दिन पहले ही रविवार (21 जुलाई) को केंद्र सरकार द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में बिहार और आंध्र प्रदेश के लिए विशेष राज्य के दर्जे की मांग की गई थी. इस बात की जानकारी जेडीयू प्रवक्ता राजीव रंजन ने दी थी. उन्होंने बताया था कि सर्वदलीय बैठक में जेडीयू ने बिहार के लिए विशेष दर्जे की मांग की है. उन्होंने साफ कहा था कि हम लोगों की ओर से बार-बार विशेष राज्य की मांग रहेगी, लेकिन जब तक विशेष राज्य का दर्जा नहीं मिलता है, तब तक हमें अतिरिक्त फंड दिया जाए. 


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वहीं इस बैठक के एक दिन बाद ही सरकार ने इस मुद्दे पर अपना पक्ष साफ कर दिया. केंद्र सरकार के साफ इनकार करने से प्रदेश का सियासी पारा चढ़ सकता है. इसी बीच बिहार बीजेपी के अध्यक्ष और डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने कहा कि बिहार को आर्थिक सहयोग की जरूरत है. हम लोगों ने प्रधानमंत्री मोदी जी और केंद्रीय वित्त मंत्री से आग्रह किया है कि बिहार को विशेष आर्थिक मदद की जरूरत है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री और केंद्रीय वित्त मंत्री इस पर निर्णय लेंगे. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भी लगातार आग्रह कर रहे हैं कि हमको बिहार में अतिरिक्त मदद की जरूरत है.


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सम्राट चौधरी ने कहा कि एनडीए के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने बिहार को हमेशा विशेष मदद देने का काम किया है. चाहे वो अटल जी की सरकार रही हो या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की सरकार. उन्होंने कहा कि बिहार को आर्थिक सहयोग की जरूरत है. हम लोगों ने प्रधानमंत्री जी और केंद्रीय वित्त मंत्री से आग्रह किया है कि बिहार को विशेष आर्थिक मदद की जाए. हमें उम्मीद है कि प्रधानमंत्री और केंद्रीय वित्त मंत्री इस पर निर्णय जरूर लेंगे. वहीं केंद्र की मोदी सरकार में कैबिनेट मंत्री जीतन राम मांझी पहले ही कह चुके हैं कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग बेकार है, क्योंकि नीति आयोग ने इसे समाप्त कर दिया है.