Patna: नीतीश सरकार 9 नवंबर को बिहार विधानसभा में आरक्षण बढ़ाए जाने का बिल लाएगी. कैबिनेट से इसको लेकर मंजूरी मिल चुकी है. बिहार में आरक्षण का दायरा 75 फीसदी पहुंच गया है. 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले नीतीश सरकार के इस फैसले को बड़े दांव की तरह देखा जा रहा है. बिहार सरकार के इस फैसले पर राजद ने सहमति जताई है. राजद विधायक रणविजय साहू का मानना है कि इससे अतिपिछड़ा समाज को फायदा होगा और आज के दिन बिहार के लिए काफी ऐतिहासिक है.


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जनता दल यूनाइटेड के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार का मानना है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने यह जो ऐतिहासिक फैसला लिया है. इससे बिहार के सभी वर्गों को फायदा होगा. केंद्र सरकार के द्वारा जातीय जनगणना तक का संवैधानिक दायित्व नहीं पूरा किया गया. महागठबंधन की सरकार ने इसे पूरा किया. सरकार ने अभी जो सर्वे कराया है उससे आंकड़ा निकाल कर सामने आया है. 


वहीं, सरकार के इस फैसले का कांग्रेस ने भी समर्थन किया और कांग्रेस उपभोक्ता राजेश राठौर का मानना है कि यह बड़ी गौरव और सौभाग्य की बात है कि बिहार सरकार ने आरक्षण की सीमा बढ़ाई है. भारतीय जनता पार्टी अगर खुले मन से इसका समर्थन करना चाहती है तो नरेंद्र मोदी संपूर्ण देश में बिहार की तरह आरक्षण सीमा बढ़ाए और आने वाले लोकसभा के सत्र में इस पटल पर रखें ताकि सभी को फायदा मिल सके .


सरकार की तरफ से मिली सहमति के बाद भारतीय जनता पार्टी ने भी इस आरक्षण मॉडल का समर्थन किया है. भाजपा विधायक प्रणव कुमार का ये मानना है कि जो भी पिछड़ा पिछड़ा या किसी भी समाज के लोग पीछे रह गए हैं, उन्हें आगे बढ़ाया जाना चाहिए और हमारी सरकार की यही मंशा हमेशा से रही है. वैसे लोगों को आरक्षण देने की जरूरत है जो समाज के अंतिम पायदान पर है जिनका उत्थान नहीं हुआ है. भारतीय जनता पार्टी हमेशा आरक्षण की हिमायती रही है.