बक्सर: बिहार के बक्सर में सात से 15 नवंबर को होने वाले सनातन संस्कृति समागम में संतों का जमावड़ा होगा. इसके आलावा इस समागम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर संघ संचालक मोहन भागवत तथा कई राज्यों के मुख्यमंत्री और राज्यपाल भी भाग लेंगे. मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम की कर्मभूमि बक्सर में इस दौरान श्रीराम कर्मभूमि तीर्थ क्षेत्र महाकुंभ व अंतरराष्ट्रीय संत समागम भी होगा. 


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सनातन संस्कृति समागम के मुख्य सलाहकार और केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने बताया कि आठ नवंबर को सर संघ संचालक मोहन भागवत मुख्य वक्ता के रूप में शामिल होंगे.


इस कार्यक्रम का आयोजन बक्सर के अहिरौली में होगा, इस कार्यक्रम में देश के बड़े संतों का आगमन भी होगा. इसके अलावा जीयर स्वामी के मार्गदर्शन में लक्ष्मी नारायण महायज्ञ के साथ 5 तरह के यज्ञ यहां आयोजित होंगे, जिसमें बड़े-बड़े संत भाग लेंगे.


इन राज्यों के राज्यपाल और मुख्यमंत्री होंगे शामिल
कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, असम, उत्तराखंड, हरियाणा, सिक्किम, मणिपुर, गोवा, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री, केरल, सिक्किम, राजस्थान, त्रिपुरा, जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल के अलावा देश के नामी साधु-संतों का आगमन होगा.


नीतीश-तेजस्वी को भी निमंत्रण
बिहार के मुख्यमंत्री, उप मुख्यमंत्री व राज्यपाल को भी आमंत्रण पत्र भेजा गया है. कार्यक्रम का उद्देश्य भगवान राम की जन्मभूमि अयोध्या के बाद श्रीराम की पहली कर्मभूमि बक्सर को देश दुनिया के सामने लाने के साथ देश में रामराज की कल्पना को साकार करना है.


उन्होंने बताया कि नौ दिनों तक चलने वाले कार्यक्रम के दौरान सांस्कृतिक कार्यक्रम, राम व श्रीमद्भागवत कथा, अंतरराष्ट्रीय संत सम्मेलन, लक्ष्मीनारायण महायज्ञ समेत अन्य कार्यक्रम आयोजित होंगे. कार्यक्रम के दौरान हर दिन देश के नामचीन कलाकार अपनी प्रस्तुति करेंगे.


वाराणसी से आएंगे पड़ित
वाराणसी के प्रसिद्ध पंडितों द्वारा प्रतिदिन गंगा महाआरती की जाएगी. मुंगेर के योग विश्वविद्यालय का योग शिविर लगेगा, जिसमें स्वामी निरंजन भाग लेंगे. रामभक्तों के लिए हर दिन भंडारे की व्यवस्था होगी. उन्होंने बताया कि नौ से 15 नवंबर तक आयोजन स्थल पर प्रतिदिन सुबह नौ बजे से दोपहर 12 बजे तक रामकथा व श्रीमद्भागवत कथा होगी.


सूत्रों की मानें तो इस तरह के कार्यक्रम बिहार में बीजेपी की सियासी रणनीति का हिस्सा हैं. बीजेपी ये मैसेज देनी की कोशिश में है कि बिहार उसकी प्रॉयरिटी में सबसे ऊपर है. इसलिए संघ प्रमुख सहित बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्री और राज्यपाल को बुलाया जा रहा है. इस कार्यक्रम में तमाम नामी साधु-संतों आएंगे.


दरअसल बीजेपी बिहार में अपनी स्थिति मजबूत करने की हरसंभव कोशिश कर रही है. माना जा रहा है कि इसी महीने अमित शाह का बिहार दौरा होने वाला है. पिछले तीन महीने में शाह का ये तीसरा दौरा होगा. सिंतबर में जब अमित शाह पूर्णिया और किशनगंज आए थे तो उन्होंने कहा था कि अगर जरूरत पड़ी तो वो हर महीने बिहार आएंगे.


जानकारों की मानें तो बिहार में सत्ता परिवर्तन होने के बाद से राज्य की सियासी स्थिति पूरी तरह से बदल गई है. ऐसे में बिहार में बीजेपी को कमल खिलाने के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी और शायद इसलिए खुद अमित शाह ने अपने हाथ में बिहार की कमान ले रखी है. इसलिए वो हर महीने बिहार का दौरा करने का ऐलान कर चुके हैं.  


(आईएएनएस)