Bihar Politics: 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए विपक्ष को एकजुट करने में जुटे बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को बीजेपी ने बड़ा झटका दिया है. बिहार राज्य पिछड़ा वर्ग के सदस्य और JDU नेता प्रमोद चंद्रवंशी ने सोमवार (7 अगस्त) को बीजेपी का दामन थाम लिया. उन्होंने नई दिल्ली में बीजेपी की सदस्यता ग्रहण की. बीजेपी के बिहार प्रभारी विनोद तावड़े, राज्यसभा सांसद और पूर्व डिप्टी सीएम सुशील सिंह और संजय मयूख ने उन्हें पार्टी की सदस्यता दिलाई. बता दें कि प्रमोद चंद्रवंशी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के काफी करीबी नेता माने जाते थे.


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जेडीयू की ओर से वह 3 बार विधानसभा का चुनाव लड़ चुके हैं और 2 बार राज्य के अति पिछड़ा वर्ग आयोग के सदस्य रह चुके हैं. करीब चार महीने पहले ही उनके बड़े भाई मनोज चंद्रवंशी की हत्या हो गई थी. बिहार की महागठबंधन सरकार ने उनके भाई के हत्यारों को पकड़ने में कोई विशेष रुचि नहीं दिखाई, जिससे वह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से नाराज हो गए थे. सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था. उस वक्त उन्होंने कहा था कि अतिपिछड़ा सामाज के साथ अत्याचार, अन्याय व उनका उपेक्षा हो रहा है. अपराध, हत्या व बलात्कार की घटना पर सरकार कोई संज्ञान नहीं ले रही है. 


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उन्होंने नीतीश कुमार पर हमला करते हुए कहा था कि अतिपिछड़ा सामाज ने ही उन्हें मुख्यमंत्री बनाया, लेकिन वे आज इस समाज की सुध लेना भूल गए. यहां तक कि मेरे भाई की हत्या हो गई, लेकिन मुख्यमंत्री मातमपुर्सी करने भी नहीं पहुंचे. इस वजह से ही उन्होंने जेडीयू की सदस्यता छोड़ दी थी. बता दें कि प्रमोद चंद्रवंशी बिहार के अति पिछड़ा वर्ग के बड़े नेता माने जाते हैं. वे अति पिछड़ा वर्ग के सदस्य भी रह चुके हैं. इससे अपने वर्ग के नेताओं में उनकी अच्छी पकड़ है. चुनाव से ठीक पहले उनका बीजेपी ज्वाइन करना नीतीश कुमार के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है. 


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वहीं प्रमोद चंद्रवंशी को बीजेपी की सदस्यता दिलाते वक्त विनोद तावड़े ने सीएम नीतीश कुमार पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार जिन मुद्दों को लेकर जनता के बीच जाने का प्रयास कर रहे हैं, वही उनके हाथ से खिसक रहा है. उन्होंने कहा कि प्रमोद चंद्रवंशी के आने से पूरे बिहार में पार्टी को एक अलग मजबूती मिलेगी. हमारे नीतीश चाचा चाहते थे कि घमंडिया गठबंधन उनके नेतृत्व में हो, लेकिन इस पर तेजस्वी यादव ने बयान दिया कि राहुल गांधी गठबंधन का नेतृत्व करें. इससे नीतीश कुमार के लिए एक असमंजस की स्थिति हो गई है. ऐसी स्थिति में बीजेपी को बिहार में एक बढ़ता समर्थन मिल रहा है.