Ravindra Kumar Ray On Hemant Government: झारखंड प्रदेश भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष और पूर्व सांसद डॉ. रविन्द्र कुमार राय ने राज्य में विधि-व्यवस्था को लेकर हेमंत सोरेन सरकार पर बड़ा हमला बोला है. शुक्रवार यानी कि आज प्रदेश कार्यालय में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि 'राज्य में हाल के दिनों में पूर्वी सिंहभूम, पश्चिमी सिंहभूम, लातेहार, चतरा सहित अन्य जिलों में जिस तरह की वारदातें हुई हैं, उससे यही लगता है कि झारखंड जंगल राज की तरफ बढ़ रहा है'. उन्होंने कहा कि 'चाईबासा में पिछले पांच-छह दिनों में कई हत्याएं हुई हैं. ये घटनाएं लज्जाजनक हैं, तथाकथित उग्रवादियों ने निर्दोष ग्रामीणों की हत्या की. पुलिस ने इन मामलों में कार्रवाई नहीं की, तो नौजवान गांवों की सुरक्षा के लिए उठ खड़े हुए. वे अस्त्र उठाने को मजबूर हुए. मीडिया की खबरों के अनुसार, कई लोगों को मौत के घाट उतारा गया है. इसके पहले पूर्वी सिंहभूम में विधानसभा चुनाव के रिजल्ट के ठीक पहले बालू घाट पर वर्चस्व को लेकर हिंसक वारदात में दो लोग मारे गए. लातेहार में रेलवे लाइन बिछाने वाली कंपनी की गाड़ियां जलाई गईं. रांची-चतरा जिले की सीमा पर हाईवा में आग लगाई गई. लातेहार में एक व्यक्ति की नृशंस हत्या हुई. ऐसी घटनाएं लगातार हो रही हैं, जिन्हें देखकर लगता है कि बिहार में राजद के शासन काल में जैसा जंगल राज कायम हुआ था, वैसे ही हालात यहां बन रहे हैं'.


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बता दें कि राज्य में ढाई दशक पहले की स्थितियों का उल्लेख करते हुए भाजपा नेता ने कहा- 'वर्ष 2000 में जब झारखंड अलग राज्य बना था, तब बिहार की राजद सरकार के 'जंगल राज' में पनपे नक्सलियों-उग्रवादियों ने झारखंड के इलाके में शरण ले रखी थी. उन्होंने राज्य के सांसद, विधायक, पूर्व मुख्यमंत्री के बेटे सहित कई लोगों की हत्या जैसी वारदातें अंजाम दी थीं. खुलेआम लेवी वसूली होती थी. उद्योग कर्मियों, व्यवसायियों से मोटी रकम की वसूली एक सामान्य बात हो गई थी. लेकिन, केंद्र और राज्य की भाजपा सरकार ने इस पर कड़ाई से निपटने के सार्थक प्रयास किए थे और उसके अच्छे परिणाम भी निकले.


राय ने आगे कहा कि 'भाजपा सरकार ने बड़े परिश्रम से राज्य में उग्रवाद पर नकेल कसा था. राज्य की कार्रवाई के कारण कई उग्रवादियों ने या तो समर्पण किया था या केंद्रीय सुरक्षा बलों की गोलियों के शिकार हुए. उनके दुरूह कैंप ध्वस्त किए गए थे. पहाड़ों-जंगलों को छोड़ वे राज्य से बाहर अन्यत्र जाने को मजबूर हुए थे. झारखंड में अपराधियों के संगठित गिरोह फिर से सिर उठाने लगे हैं. राज्य की ग्रामीण जनता आत्म रक्षार्थ शस्त्र उठाने को मजबूर है. लोग ऐसे उग्रवादियों का सेंदरा (सामूहिक हत्या) करने को मजबूर हैं. लोग रात-रात भर जाग कर अपने जानमाल की सुरक्षा कर रहे. ऐसे में यह शंका प्रबल हो गई है कि यह सरकार अपना चेहरा छिपाने के लिए ग्रामीणों पर कार्रवाई करेगी. उन्हें मुकदमों में फंसाया जाएगा. उग्रवादी बालू घाट, छोटे-छोटे माइंस, कोयला, पत्थर से वसूली के लिए फिर से जनता और व्यवसायियों को भयभीत कर रहे हैं'.


भाजपा नेता ने कहा कि 'हेमंत सरकार पहली ऐसी भयग्रस्त सरकार है, जिसने राज्य में 24 सड़कों को असुरक्षित घोषित कर दिया है. सरकार और पुलिस प्रशासन स्तर से ऐसी घोषणाएं ध्वस्त विधि-व्यवस्था का उदाहरण हैं'. बता दें कि भाजपा के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष ने राज्य सरकार से विधि-व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए तत्काल कदम उठाने की मांग की है उन्होंने कहा कि 'सरकार प्राथमिकता के आधार पर कार्रवाई करते हुए कानून का राज स्थापित करे'.  


इनपुट- आईएएनएस