Bihar Politics: बिहार में जातीय जनगणना करके महागठबंधन सरकार काफी खुश है. जातीय जनगणना के बाद आरक्षण का दायरा बढ़ाकर नीतीश सरकार ने बड़ा दांव चला है. नीतीश कुमार की इस चाल से 1990 में मंडल-कमंडल वाले दौर की यादें ताजा हो गईं. एक ओर आरक्षण के लिए मंडल कमीशन की सिफारिशों को लागू करने का दांव है तो दूसरी ओर कमंडल के सहारे वोटर्स को जोड़ने का. मतलब राम मंदिर के सहारे सत्ता की हैट्रिक लगाने की कोशिश.


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बिहार में अब 75% आरक्षण लागू होगा. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि जरूरत पड़ी तो आरक्षण का दायरा और बढ़ाएंगे. हालांकि, बीजेपी ने अब इसका तोड़ खोज निकाला है. बिहार बीजेपी के अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने कहा कि अगर सरकार अति पिछड़ा वर्ग में 5 फीसदी का आरक्षण और बढ़ाए तो ज्यादा अच्छा होगा. 


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बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि बीजेपी कभी भी आरक्षण की विरोधी नहीं रही है. ये तो विरोधियों की ओर से गलत संदेश दिया जाता रहा है. सम्राट चौधरी ने कहा कि बीजेपी ने दोनों सदनों में आरक्षण संशोधन विधेयक का समर्थन किया है. उन्होंने कहा कि जातीय सर्वे की रिपोर्ट के अनुसार अगर अति पिछड़ा वर्ग में 5 फीसदी आरक्षण और बढ़ाया जाता तो उनका विकास तेजी से होता है.