Bihar Politics:  बिहार के बयानवीर मंत्री अपनी पार्टी के सुप्रीमो लालू यादव और बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव तक की नहीं सुनते हैं. दरअसल बिहार के शिक्षा मंत्री पर तेजस्वी का समझाना भी बेअसर नजर आया. रामचरित मानस पर विवादित टिप्पणी करते-करते अब बिहार के शिक्षा मंत्री भगवान 'राम' पर भी विवादित टिप्पणी करने से भी नहीं कतरा रहे हैं. चंद्रशेखर के पहले भी कई बवाली बयान आए हैं जिस पर नीतीश, लालू और तेजस्वी को भी जवाब नहीं सूझ रहा है. वहीं उन्होंने अपने ताजा बयान से पार्टी की मुश्किलें और बढ़ा दी हैं. 


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रामचरितमानस पर शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने विवादित बयान दिया तो इस पर राजनीति शुरू हुई. वह अभी थमा भी नहीं था और भाजपा इसपर सरकार के घटक दलों सहित सीएम और डिप्टी सीएम से जवाब मांग ही रही थी कि चंद्रशेखर ने प्रभु श्री राम को लेकर विवादित बयान देकर आग में घी का काम किया है. इसके पहले चंद्रशेखर के रामचरितमानस पर दिए गए बयान के बाद तेजस्वी यादव की तरफ से नसीहत भी दी गई थी लेकिन उनपर इसका भी कोई असर होता नहीं दिख रहा है. 


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सुपौल पहुंचे शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने भगवान श्री राम को लेकर विवादित बयान दे दिया. उनके इस बयान का आशय साफ था कि वह प्रभु राम के जरिए अपना बचाव कर रहे थे. उनके बयान से लग रहा था कि प्रभु श्री राम ही उनसे सारे बयान दिलवा रहे हैं. दरअसल यहां चंद्रशेखर ने कहा कि प्रभु श्री राम उनके सपने में आए थे और कहा कि चंद्रशेखर देखो इनलोगों ने मुझे बाजार में बेच दिया है. मुझे बिकने से बचा लो. 


आगे चंद्रशेखर ने कहा कि भगवान राम भी जाति व्यवस्था के दंश से कुपित थे. उन्होंने तब शबरी के जूठे बेर खाकर इसके लिए संदेश दिया था और आज उसी शबरी के बेटे को मंदिर में प्रवेश करने से रोका जाता है. उन्होंने इसके साथ अपने बयान में दावा किया कि प्रभु राम उनके सपने में आए थे इसलिए वह कभी-कभार इस तरह के बयान दे देते हैं. 


उन्होंने अपने बयान में मोहन भागवत को भी शामिल किया और कहा कि हम तो केवल एक बार बोले तो उनकी जीभ काटने पर करोड़ों का इनाम रख दिया लेकिन मोहन भागवत तो दो बार बोले उनपर तो 10 रुपए का भी इनाम नहीं रखा. इससे पहले यही चंद्रशेखर रामचरित मानस को पोटैशियम साइनाइड जैसा बता चुके हैं. इस पर तब तेजस्वी ने कहा था कि चंद्रशेखर को इस तरह का बयान नहीं देना चाहिए.