Bihar Politics: 78वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर सीएम नीतीश कुमार गांधी मैदान से बिहार के युवाओं से बड़ा वादा कर दिया है. उन्होंने चुनाव से पहले 34 लाख रोजगार की बात कह दी है. मुख्यमंत्री ने कहा कि साल 2022 में हमने 10 लाख लोगों को नौकरी देने की बात कही थी. इसमें में अब तक पांच लाख 16 हजार नौकरियां दी जा चुकी है. अब अगले साल चुनाव से पहले बिहार सरकार 10 की जगह 12 लाख नौकरी देगी. इसी तरह हमने 10 लाख रोजगार की भी बात कही थी. पिछले चार साल में 24 लाख रोजगार दिया जा चुका है. अब और इसे बढ़ाकर 10 लाख देने का लक्ष्य रखा गया है.


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मुख्यमंत्री के दिए आंकड़ें और नेशनल करियर सर्विस (NCS) पोर्टल का डाटा आपस मैच नहीं कर रहा है. मुख्यमंत्री बड़े पैमाने पर नौकरी बांटने की बात कह रहे हैं. तो वहीं सरकार के दावे से उलट नेशनल करियर पोर्टल पर बिहार के बेरोजगार जिस प्रकार से नौकरी मांग रहे हैं, वह चौंकाने वाले हैं. इस पोर्टल के अनुसार, बिहार में बेरोजगारों के रजिस्ट्रेशन कराने की संख्या लगातार बढ़ रही है. 2023 में यह संख्या 16 लाख के करीब थी. तो वहीं 2024 में बढ़कर 18 लाख से अधिक हो गई. बिहार के बेरोजगारों में पीएचडी धारी से लेकर कम पढ़े लिखे लोग भी शामिल हैं. बता दें कि इस पोर्टल को केंद्रीय श्रम विभाग ने तैयार किया है. 2015 में पीएम मोदी ने इसकी शुरुआत की थी.


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मुख्यमंत्री की बातों को अगर इस पोर्टल के डाटा से मिलाकर देखें तो प्रदेश से बेरोजगार पूरी तरह से खत्म हो जाएगी. बिहार में रोजगार पर राजनीति जारी है. नौकरी देने का क्रेडिट नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव लूटते हैं. सीएम नीतीश ने इसको लेकर लालू परिवार पर भी निशाना साधा. सीएम ने कहा कि क्या किया सिर्फ परिवार को आगे बढ़ाया. पहले पत्नी को बना दिया, फिर बेटा-बेटी को बढ़ाया. हम लोग कभी किए ये सब. मुख्यमंत्री ने कहा कि 2005 में बिहार का बजट केवल 28000 करोड़ था, अब बढ़ते-बढ़ते 278000 करोड़ हो गया है. बिहार को स्पेशल पैकेज देने के लिए मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री मोदी का भी धन्यवाद दिया.