Nitish Kumar Vs Mamata Banerjee: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जिस विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A. की नींव रखी थी, उसी गठबंधन में अब उन्हें कोई तरजीह नहीं मिल रही है. विपक्ष को एकजुट करके नीतीश कहां प्रधानमंत्री बनने का सपना देख रहे थे, वहीं अब वह इंडी गठबंधन के संयोजक तक नहीं बन पा रहे. उनकी राह में कांटे बिछाने का काम पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने किया. इंडी गठबंधन की दिल्ली बैठक में ममता बनर्जी ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे का नाम आगे करके नीतीश के किए कराए पर पानी फेर दिया. ममता-केजरीवाल से मिले झटके के बाद नीतीश नाराज चल रहे हैं और अब वह दीदी से अपना हिसाब-किताब चुकता करने की योजना बना रहे हैं. 


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जानकारी के मुताबिक, नीतीश कुमार आगामी 17 जनवरी को पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता का दौरा करने वाले हैं. वह ज्योति बसु की पुण्यतिथि पर लेफ्ट की ओर से आयोजित एक सेमिनार में हिस्सा लेंगे. वह ज्योति बसु की पुण्यतिथि पर लेफ्ट की ओर से आयोजित एक सेमिनार में हिस्सा लेंगे. लेफ्ट के कार्यक्रम में शामिल होने के नीतीश के फैसले को एक सियासी दांव माना जा रहा है. राजनीतिक पंडितों का कहना है कि बंगाल में लेफ्ट के साथ मिलकर नीतीश कुमार, ममता दीदी को राइट टाइम करने वाले हैं. 


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सियासी गलियारों में चर्चा है कि जब से ममता की ओर से खरगे का नाम आगे बढ़ाया गया है तब से नीतीश कुमार को अंदर ही अंदर ये बात खटक रही है. यही वजह है कि वह बंगाल दौरा करने वाले हैं. कहा जा रहा है कि लेफ्ट के इस सेमिनार के जरिए नीतीश कुमार ममता को संदेश भी देना चाहते हैं. दरअसल, बंगाल में ममता बनर्जी और वाम दल एक-दूसरे के धुर विरोधी हैं. इस सेमीनार में नीतीश कुमार लेफ्ट के साथ खड़े होकर समाजवादी वोटरों को लेफ्ट की ओर मोड़ने की कोशिश कर सकते हैं. इससे ममता बनर्जी के साथ वह अपना बदला ले सकेंगे. 


दूसरी ओर नीतीश की नाराजगी से बिहार की राजनीति में भूचाल आया हुआ है. राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि नीतीश कुमार एक बार फिर से पलटी मार सकते हैं और खरमास के बाद बिहार की सत्ता में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है. उधर राजद और कांग्रेस दोनों की ओर से नीतीश को मनाने की पूरी कोशिश की जा रही है. राजद की ओर से अब तेजस्वी यादव को सीएम बनाने की मांग पर पूरी तरह से विराम लग चुका है. वहीं कांग्रेस भी इंडी गठबंधन में नीतीश को संयोजक बनाने की तैयारी कर रही है. कांग्रेस में शीर्ष स्तर की सक्रियता को देखते हुए माना जा रहा है कि इस मुद्दे पर जल्द ही सहमति बना ली जाएगी. 


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नीतीश के नाम पर विपक्षी गठबंधन के अधिकतर दल भी सहमत हैं. एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार की ओर से भी नीतीश कुमार को संयोजक बनाने की हरी झंडी मिल चुकी है. सिर्फ बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की आपत्ति की बात आ रही है. उन्हें भी ट्रैक पर लाने का प्रयास किया जा रहा है. कांग्रेस से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, ममता को मनाने की जिम्मेदारी अब शरद पवार को ही सौंपी गई है.