रांची: बड़गाई अंचल से जुड़े 8.86 एकड़ जमीन घोटाले में झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की जमानत याचिका पर आज झारखंड हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. अदालत में दो घंटे से अधिक समय तक इस मामले में बहस चली. इस सुनवाई में हेमंत की ओर से उनके उनके वकील कपिल सिब्बल ने अदालत में उनका पक्ष रखा. झारखंड हाईकोर्ट में ये सुनवाई न्यायाधीश रंगन मुखोपाध्याय की अदालत में हुई. सुनवाई के दौरान हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन भी वहां मौजूद रहीं. इस मामले में 12 जून को फिर से सुनवाई होगी.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

हेमंत सोरेन की तरफ से पक्ष रखते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि ये मामला पीएमएलए की धाराओं के अंतर्गत नहीं आता है. हमारे नाम पर जमीन नहीं है. मामले से मेरा कोई लेना देना नहीं है. जिस जमीन के मामले में मेरी गिरफ्तारी हुई उस पर मेरा दखल नहीं है. जमीन का इलेक्ट्रिसिटी मीटर भी मेरे नाम पर नहीं है. ईडी प्रेडीकेट ऑफेंस की जांच नहीं कर सकती है.ईडी ये नहीं बता सकती कि जमीन सही है या गलत क्योंकि ईडी एक जांच एजेंसी है. इस जमीन के मालिकाना हक को लेकर कहीं शिकायत नहीं की गई. मामले में कोई भी दस्तावेज हेमंत सोरेन के नाम पर नहीं है.


हेमंत सोरेन की ओर से दलील पूरी होने के बाद अब अगली सुनवाई में ईडी की ओर से एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू पक्ष रखेंगे. इससे पहले पिछली सुनवाई में ईडी को जवाब दाखिल करने के लिए कोर्ट से समय मिला था. कोर्ट ने तब 10 जून से पूर्व शपथ पत्र के माध्यम से जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया था. याचिका में हेमंत सोरेन ने ईडी के आरोपों को बताया गलत है और अपने आप को बेकसूर बताया है. बता दें कि हेमंत की जमानत याचिका पीएमएलए कोर्ट से खारिज हो चुकी है. इससे पहले जमीन घोटाले मामले में 31 जनवरी को हेमंत सोरेन को गिरफ्तार किया गया था.


इनपुट- कामरान


ये भी पढ़ें- PM Modi Cabinet Portfolio: चिराग को फूड प्रोसेसिंग तो ललन को पंचायती राज का जिम्मा, देखें गिरिराज को मिला कौन सा विभाग