पटना: बिहार विधान सभा के मानसून सत्र के बेहतर संचालन को लेकर  विधान सभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी ने सर्वदलीय बैठक बुलाई थी. जिसमें विधानसभा उपाध्यक्ष महेश्वर हजारी, संसदीय कार्य मंत्री विजय चौधरी, नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा, ललित यादव, शकील अहमद खान समेत लेफ्ट के नेता मौजूद रहे. वहीं सर्वदलीय बैठक का भाजपा ने  बहिष्कार किया और नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा बैठक से बाहर आ गये. 


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वहीं इसको लेकर संसदीय कार्य मंत्री विजय चौधरी ने कहा सभी दल के नेताओं ने अध्यक्ष को आश्वस्त किया है कि सदन की कार्यवाही सुचारू रूप से चलाने में सब लोग मिलकर सहयोग करेंगे. सरकार की तरफ से हमने विश्वास किया है. सदन की कार्यवाही अच्छे से चले. हमें सरकार की तरफ से पूरी उम्मीद है कि सदन की कार्यवाही अच्छे ढंग से चलेगी. वहीं शिक्षा मंत्री के विवाद को  लेकर उन्होंने कहा कि सरकार के लिए सब कुछ सामान्य है और आप लोग भी इसे सामान्य रहने दीजिए. 


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वहीं इसको लेकर कांग्रेस विधायक दल के नेता शकील अहमद ने कहा कि विजय सिन्हा को छपास की बीमारी है. छपने की आदत है. वह खुद ही हास्यास्पद बन रहे हैं और कोई ऐसी परंपरा इस बैठक के पूर्व से नहीं रही है. बैठक होती है कि सत्र कैसे सुचारू रूप से चलेगा और विजय सिन्हा को बीच मीटिंग को छोड़कर जाना नहीं चाहिए था. उनको खुद का मजाक बनाने में मजा आता है. जितना उनका तेवर है उससे अधिक हम लोगों के पक्ष का तेवर है. 


सत्तारुढ़ दल के उपमुख्य सचेतक अख्तरुल ईमान ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष को उन्हीं के वर्तमान अध्यक्ष ने व्याकुल भारत की संज्ञा दी है. इस बैठक के बहिष्कार का कोई मतलब नहीं. विजय सिन्हा को उन्हीं के प्रदेश अध्यक्ष कहते हैं कि व्याकुल मत होइए तो फिर व्याकुलता से हाउस नहीं चलेगा. सीनियर विजेंद्र यादव हैं और उन्होंने यह कहा कि पहली बार कोई इस बैठक का बायकॉट किया है. नेता विपक्ष अपने दायित्व का निर्वाहन नहीं कर रहे हैं. 


वहीं इस मामले पर भाजपा के विधायक जीबेश मिश्रा ने कहा की सरकार पहले ये जवाब दें की शिक्षा विभाग में लाठी लठ्ठम क्यों चल रहा है? जिस तरह का पीत पत्र लिखा गया उस पर सवाल उठ रहे हैं कि आखिर किस तरह की सरकार चल रही है? 
 
रुपेंद्र श्रीवास्तव