Bihar Politics: क्या विधानसभा चुनाव से पहले जेडीयू को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का राजनीतिक उत्तराधिकारी मिल पाएगा? सूत्रों की मानें तो इसका जवाब हां में हो सकता है. बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बेटे निशांत कुमार अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत के लिए तैयार हैं. नीतीश कुमार को पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं की ओर से इस बात की सूचना दी गई है कि निशांत कुमार जेडीयू के राजनीतिक उत्तराधिकारी हो सकते हैं. इंतजार है तो बस मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के ग्रीन सिग्रनल की. जेडीयू नेताओं का कहना है कि अगर निशांत कुमार एक दशक पहले राजनीति में आए होते तो अब तक वे स्थापित हो चुके होते. हालांकि कुछ नेताओं का यह भी मानना है कि अब भी बहुत देर नहीं हुई है और निशांत कुमार को पार्टी में लाने की जरूरत है. 


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बता दें कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की राजनीति अब तक जिन महत्वपूर्ण बिंदुओं पर आधारित रही है, उनमें परिवारवाद का विरोध भी एक अहम बिंदु है. नीतीश कुमार अकसर लालू प्रसाद यादव और रामविलास पासवान की इस बात के लिए आलोचना करते रहे हैं कि ये दोनों नेता अपने परिवार को पार्टी में आगे बढ़ाने का काम कर रहे हैं. यहां तक कि लालू प्रसाद यादव के अधिक बच्चे पैदा करने को भी उन्होंने सार्वजनिक मंचों से मुद्दा बनाने का काम किया. नीतीश कुमार पूरे बिहार को अपना परिवार मानते आए हैं. 


पिछले एक साल से निशांत कुमार का नाम जेडीयू के भीतर चर्चाओं में है. कार्यकर्ताओं की मांग है कि निशांत कुमार को जेडीयू में शामिल होना चाहिए. हालांकि लीडरशिप ने उनकी बात नहीं मानी. इस साल की शुरुआत में 8 जनवरी, 2025 को 48 वर्षीय निशांत अपने पिता मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ स्वतंत्रता सेनानियों के लिए आयोजित कार्यक्रम में शामिल होने अपने पैतृक नगर बख्तियारपुर गए. वहां उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा, 'अगर संभव हो तो कृपया जेडीयू और मेरे पिता को वोट दें और उन्हें चुनावों में फिर से जिताएं.' जेडीयू के लिए वोट करने की यह उनकी पहली सार्वजनिक अपील थी. 


इससे पहले, 2015 में उन्हें आखिरी बार अपने पिता नीतीश कुमार के शपथ ग्रहण समारोह के मौके पर देखा गया था. 8 जनवरी के बाद जेडीयू के वरिष्ठ नेता ओर नीतीश कुमार की सरकार में मंत्री श्रवण कुमार ने निशांत कुमार की राजनीतिक पारी की शुरुआत को लेकर कुछ संकेत दिए थे. श्रवण कुमार ने कहा था, हम निशांत कुमार के बयान का स्वागत करते हैं. उन्हें मौजूदा सरकार की अच्छी समझ है. निशांत को राजनीति में शामिल होना चाहिए या नहीं, सवाल के जवाब में श्रवण कुमार ने कहा— बिल्कुल. ऐस्र प्रगतिशील विचारों वाले युवाओं का राजनीति में स्वागत है. पार्टी सही समय पर सही फैसला लेगी.


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राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने 2013 में छोटे बेटे तेजस्वी यादव को राजनीतिक उत्तराधिकारी और पार्टी का सर्वेसर्वा के रूप में पेश किया था. 2020 के विधानसभा चुनाव में तेजस्वी यादव ने अपनी नेता​गीरी का नमूना पेश किया और महागठबंधन केवल 12 सीटों से बहुमत से दूर रहा था. 2013 में ही रामविलास पासवान ने अपने बेटे चिराग पासवान को पॉलिटिक्स में लांच किया था. 2014 में चिराग पासवान लोजपा को एनडीए खेमे में लेकर आए और उसके बाद से एलजेपी की किस्मत ही बदल गई. अब ये दोनों नेता पॉलिटिक्स में स्थापित हो गए हैं और अपनी पार्टियों की किस्मत अब इन्हीं दोनों नेताओं के हाथ में है. दूसरी ओर, निशांत कुमार अभी अपनी पारी की शुरुआत करेंगे तो जाहिर है कि वे राजनीति में तेजस्वी यादव और चिराग पासवान की तुलना में 10 से 11 साल जूनियर होंगे. आगे आ​गे देखिए होता है क्या?


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