`प्रधानमंत्री से बड़ा पलटी मार कौन है...`, RCP Singh के BJP ज्वाइन करने पर भड़की JDU
जेडीयू के पूर्व अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह ने आज यानी गुरुवार (11 मई) को बीजेपी का दामन थाम लिया. जेडीयू छोड़ने के बाद से ही उनके बीजेपी में जाने की संभावनाएं जताई जा रही थीं. अब जाकर उन्होंने भगवा खेमा ज्वाइन कर लिया. जिसके बाद बिहार की सियासत तेज हो गई है.
RCP Singh Join BJP: जेडीयू के पूर्व अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह ने आज यानी गुरुवार (11 मई) को बीजेपी का दामन थाम लिया. जेडीयू छोड़ने के बाद से ही उनके बीजेपी में जाने की संभावनाएं जताई जा रही थीं. अब जाकर उन्होंने भगवा खेमा ज्वाइन कर लिया. जिसके बाद बिहार की सियासत तेज हो गई है. अब इस मामले पर राजनीतिक दलों की प्रतिक्रिया सामने आई हैं. बीजेपी नेताओं ने आरसीपी सिंह का स्वागत किया है, तो जेडीयू सहित महागठबंधन के अन्य दलों ने निशाना साधा है.
बीजेपी एमएलसी नवल किशोर यादव ने कहा कि बीजेपी में अभी सारे दलों से लोग आ रहे हैं सारे दलों का एक्जिस्टेंस समाप्त हो रहा है और बीजेपी में हिंदुस्तान और बिहार की जनता विश्वास करती है. आरसीपी सिंह को बहुत-बहुत बधाई. तो वहीं जदयू एमएलसी नीरज कुमार ने कहा कि सच तो सच होता है. लंबे अंतराल के बाद आरसीपी सिंह का शुभ गृह प्रवेश आज हुआ है. पीएम मोदी पर तंज कसते हुए जदयू एमएलसी ने कहा कि प्रधानमंत्री से बड़ा पलटी मार कौन है, जो पहले सीएम नीतीश कुमार के डीएनए पर सवाल खड़ा कर रहे थे. 23 महीने के बाद प्रधानमंत्री ने पलटी मारकर दंडवत होते हुए कहा हुजूर आप का डीएनए ठीक हो गया है.
RJD-कांग्रेस ने क्या कहा?
वहीं राजद प्रवक्ता ऐजाज अहमद ने कहा कि हम लोग पहले से जानते थे की बीजेपी अपने पीठ पर इनको खिलाने के लिए इस्तेमाल कर रही है आज वह इस्तेमाल हो गए और जिस तरह की भाषा वह बोले हैं उससे यही समझ में आता है कहीं ना कहीं बीजेपी के लिए अपने राजनीतिक पारी की शुरुआत करते हैं जो उन्होंने बात कही है वह कहीं से उचित नहीं है. कांग्रेस प्रवक्ता राजेश राठौर ने कहा कि आरसीपी सिंह के बारे में पहले से ही था जदयू में रह कर बीजेपी का काम रहे हैं, जदयू का जो पिछले विधानसभा चुनाव में सीटें कम आई वो आरसीपी सिंह का साजिश था.
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कौन हैं आरसीपी सिंह?
आरसीपी सिंह पहले नीतीश कुमार के काफी करीबी माने जाते थे. वो उत्तर प्रदेश कैडर के पूर्व आईएएस अधिकारी रह चुके हैं. राजनीति में उन्हें नीतीश कुमार ही लेकर आए थे. एक वक्त था जब आरसीपी सिंह को नीतीश कुमार का दायां हाथ कहा जाता था. नीतीश के भरोसेमंद होने के कारण वह जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी रह चुके हैं. मोदी मंत्रिमंडल में शामिल होने के बाद नीतीश को उन पर पहले जैसा विश्वास नहीं रहा, जिसके कारण उन्हें दोबारा राज्यसभा नहीं भेजा गया. नतीजतन उन्हें मोदी कैबिनेट से भी बाहर होना पड़ा. इसके बाद उन्होंने जदयू से इस्तीफा दे दिया था.
नीतीश को दे सकते हैं बड़ा झटका
दरअसल, आरसीपी सिंह और नीतीश कुमार एक ही बिरादरी कुर्मी से आते हैं और दोनों का गृह जिला नालंदा है. आरसीपी सिंह के बहाने बीजेपी की नजर कुर्मी वोटरों पर है. कुर्मी वोटर नीतीश कुमार खास वोटर माना जाता है. बीजेपी की मंशा आरसीपी सिंह के बहाने कुर्मी वोटरों में सेंध लगाने की है. अगर आरसीपी सिंह इसमें जरा सा भी सफल होते हैं तो यह नीतीश कुमार के लिए बड़ा झटका साबित हो सकता है.
रिपोर्ट- शिवम