Bihar Politics: देश की नई संसद भवन का उद्घाटन हो चुका है. पीएम मोदी ने नई संसद बिल्डिंग का उद्घाटन करके इसे देश को समर्पित किया. पीएम मोदी ने हवन-पूजन किया और उसके बाद नई बिल्डिंग के लोकसभा में सेंगोल की स्थापना की. यह संसद पूरी दुनिया को तेजी से उभरते भारत का संदेश देगी. देश के लिए ये बड़ा मौका था लेकिन इसके बाद भी विपक्ष में इसमें राजनीति की. तमाम विपक्षी दलों की ओर से इस कार्यक्रमों का बहिष्कार किया. इन दलों में जेडीयू भी शामिल था. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने तो यहां तक कहा था कि उन्हें नई संसद का उद्घाटन बिल्कुल अच्छा नहीं रहा है. 


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मुख्यमंत्री नीतीश ने मीडिया को बताया था कि उनकी पार्टी के सांसद इस कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगे. लेकिन उद्घाटन समारोह के दौरान जेडीयू का सांसद पीएम मोदी के ठीक पीछे बैठा दिखाई दिया. ये सांसद कोई और नहीं बल्कि जेडीयू के कद्दावर नेता हरिवंश नारायण सिंह थे. नीतीश कुमार के बायकॉट के बाद भी हरिवंश बाबू इस कार्यक्रम में शामिल हुए. इसे नीतीश के लिए बड़ा झटका भी कहा जा रहा है.


जेडीयू सांसद हरिवंश नारायण सिंह इस वक्त राज्यसभा के उपसभापति हैं. ये उनका दूसरा कार्यकाल है. पीएम मोदी के साथ उनके रिश्ते काफी अच्छे बताए जाते हैं. यही वजह है कि नीतीश कुमार के अलग होने के बाद भी हरिवंश बाबू को उनके पद से हटाने की कोशिश नहीं की गई. वहीं हरिवंश बाबू भी अक्सर मोदी सरकार की तारीफ करते हुए दिखाई दे जाते हैं. हालांकि, मीडिया से वो दूर ही रहते हैं. राजनीतिक गलियों में तो यहां तक चर्चा है कि आरसीपी सिंह की तरह हरिवंश बाबू भी बीजेपी में शामिल होंगे. 


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इससे पहले हरिवंश बाबू के एक बयान ने बिहार की राजनीतिक पारा बढ़ा दिया था. पंडित रामचंद्र खान स्मृति समारोह में हरिवंश बाबू ने कहा था कि हमारा देश कभी गांधी जी के सुझाए रास्तों पर चला ही नहीं. उन्होंने आगे कहा कि अब उन रास्तों पर लौटना बड़ा मुश्किल काम है और इस काम में वक्त लगेगा. राज्यसभा के उपसभापति का यह बयान इसलिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि विपक्ष एक सुर में मोदी सरकार पर लोकतंत्र की हत्या करने का आरोप लगाता रहता है.