Bihar Politics: जदयू ने 1 अगस्त, 2024 दिन बृहस्पतिवार को दावा किया कि राज्यों को वंचित वर्गों के लिए आरक्षण में उप-वर्गीकरण करने का अधिकार देने वाला सुप्रीम कोर्ट का फैसला प्रदेश सरकार के पुराने रुख की पुष्टि करता है. सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ के बहुमत के फैसले का मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के एक प्रमुख सहयोगी ने स्वागत किया. जदयू नेता विजय कुमार चौधरी ने कहा, 'बिहार ने पहले ही महादलित और अति-पिछड़ा वर्ग जैसी उप-श्रेणियां बनाई हैं.'


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बिहार के संसदीय कार्य मंत्री चौधरी ने कहा कि हमारी तरफ से शुरू की गई इन उप-श्रेणियों ने यह सुनिश्चित करने के उद्देश्य को पूरा किया है कि आरक्षण का फायदा सबसे जरूरतमंदों तक पहुंचे. उन्होंने कहा कि यही वजह है कि क्रीमी लेयर नामक एक और श्रेणी है जो अनुसूचित जाति (SC), अनुसूचित जनजाति(ST) और अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) की अपेक्षाकृत बेहतर स्थिति वाले लोगों को कवर करती है, जिन्हें अब इन सुविधाओं की आवश्यकता नहीं है.



मंत्री चौधरी ने कहा, 'सुप्रीम कोर्ट के आज के फैसले ने बिहार सरकार के पुराने रुख को सही साबित कर दिया है.' उन्होंने कहा कि क्रीमी लेयर का तात्पर्य आरक्षित श्रेणियों के व्यक्तियों के एक वर्ग से है जो सामाजिक और आर्थिक रूप से बेहतर हैं. वर्तमान में क्रीमी लेयर की अवधारणा केवल ओबीसी (OBC) के आरक्षण पर लागू है. 


दरअसल, मुख्य न्यायाधीश डी. वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली 7 न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने 6-1 के बहुमत से फैसला दिया है. पीठ ने कहा कि राज्यों की तरफ से एससी और एसटी के आगे उपवर्गीकरण की अनुमति दी जा सकती है ताकि इन समूहों के भीतर अधिक पिछड़ी जातियों को आरक्षण प्रदान करना सुनिश्चित किया जा सके.