Jharkhand Assembly Monsoon Session: झारखंड विधानसभा का मॉनसून सत्र चल रहा है. सरकार और विपक्ष एक दूसरे के आमने-सामने है. सदन में दोनों तरफ से वार पलटवार हो रहा है. वहीं, 30 जुलाई, 2024 दिन मंगलवार को सदन में बीजेपी विधायक अनंत ओझा ने कहा कि प्रथम अनुपूरक बजट का क्या औचित्य है. आज पूरा प्रदेश उद्वेलित है. माटी की रक्षा और रोटी की चिंता दिखाई दे रही है. आज पूरे झारखंड में बांग्लादेशी घुसपैठ हमारे संसाधनों पर काबिज है, बंग्लादेशी घुसपैठ को चिन्हि्त कर बाहर निकालने का प्रयास हो. सरकार ने स्वीकार किया चार बांग्लादेशी अवैध रुप से आए थे, उन पर कार्रवाई हुआ है. हमारे संसाधन पर लोग कैसे काबिज हो रहे हैं. एक तरफ उस इलाके की डेमोग्राफी बदली जा रही. दूसरी तरफ जल, जंगल, जमीन पर कब्जा हो रहा है.


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वहीं, मंत्री इरफान अंसारी ने कहा कि बात बजट पर हो रही और वह बांग्लादेशी घुसपैठ की बात करते हैं. चुनौती देता हूं हमारे विधानसभा क्षेत्र में एक भी बांग्लादेशी घुसपैठ दिखा दें. विपक्ष के शोर शराबे के बीच विधायक कल्पना सोरेन ने स्पीच दिया. उन्होंने कहा कि अन्याय करने वाला कभी स्वीकार नहीं करता वो अन्याय कर रहा है. राज्य के आदिवासी मुख्यमंत्री को जेल में डालने का काम किया था. हेमंत सोरेन जी आज हमारे बीच बैठे हैं और तब कहा था ज्यादा ताकतवर होकर आऊंगा, हेमंत सोरेन पर लगे आरोप को अपने समाचार पत्रों के पहले पन्ने और समाचार चैनल पर दिखाने वाले आज चुप हैं.


कल्पना सोरेन ने कहा कि एनडीए के लोगों को समझना होगा. ये गुजरात नहीं है. यहां झूठा सपना दिखा कर वोट नहीं मांग सकते. यहां अपने काम के आधार पर वोट मानते हैं और ये लोग अपने झूठे कहानियों के आधार पर वोट मांगते हैं.


नेता प्रतिपक्ष अमर बाउरी ने कहा कि अध्यक्ष महोदय मीठा जहर जो अपने आसन से देते हैं ये ठीक नहीं. इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि तो आप आसन पर बैठिए, उंगली मत दिखाइए, आसान बर्दास्त नहीं करेगा. इसके बाद अमर बाउरी ने कहा कि मैडम (कल्पना सोरेन) का स्पीच बजट पर है क्या? आपने अनंत ओझा को कहा बजट पर बोलिए.



बीजेपी की तरफ से सदन में अनुपूरक बजट पर बोलते हुए विधायक भानु प्रताप शाही ने कहा कि कल्पना जी का भाषण सुन रहा था, वो डिजर्व करती हैं हेमंत सोरेन जी की जगह, वो गलत जगह बैठी हैं. अगर आदिवासी का चेहरा देखना है तो चंपई सोरेन का चेहरा देख लीजिए, मूलवासी को देखना है तो बादल का चेहरा देख लीजिए.


उन्होंने कहा कि यह बताने के लिए काफी है कि इस सरकार में बादल को हटाकर इरफान अंसारी को मंत्री बनाया गया. इसी तरह बांग्लादेशी घुसपैठ की हालत है. भानु प्रताप शाही ने कहा कि आखिर कहां है 1932 का खतियान, झारखंड का आदिवासी मूलवासी जानना चाहता है. इस सरकार ने आदिवासी मूलवासी के सीने मे छुरा भेजने का काम किया है. स्थानीय नीति कहां चला गया, नियोजन नीति कहां चला गया.