झारखंड विधानसभा चुनाव के लिए बिगुल बजने ही वाला है. मंगलवार दोपहर बाद चुनाव आयोग राज्य में चुनाव की तारीखों का ऐलान कर देगा. आइए, इससे पहले जान लेते हैं राज्य में आमने सामने के दो धड़ों महागठबंधन और एनडीए की तैयारी कैसी है. उनकी सीट शेयरिंग को लेकर क्या रणनीति है और प्रत्याशियों के चयन में वे कहां और किस चरण तक पहुंच गए हैं. सबसे पहले बात करते हैं एनडीए की, क्योंकि एक दिन पहले ही असम के मुख्यमंत्री और झारखंड विधानसभा चुनाव के सह प्रभारी हिमंता बिस्वा सरमा ने ऐलान किया कि एक या दो दिनों में भाजपा की पहली लिस्ट निकल जाएगी. उन्होंने यह भी ऐलान किया कि घटक दलों से बातचीत फाइनल हो चुकी है. 


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ऐसा हो सकता है एनडीए का सीट शेयरिंग फॉर्मूला


एनडीए में भाजपा सबसे बड़ी पार्टी है तो जाहिर है कि वह सबसे अधिक सीटों पर चुनाव मैदान में होगी. इसके अलावा भाजपा पर सभी घटक दलों के प्रत्याशियों की जीत सुनिश्चित करने की भी जिम्मेदारी होगी. पार्टी का कहना है कि वह एक या दो दिनों में प्रत्याशियों की पहली सूची जारी कर देगी.


बताया जा रहा है कि विधानसभा की कुल 81 सीटों में से भाजपा 68 या 70 सीटों पर चुनाव मैदान में होगी. सुदेश महतो के नेतृत्व वाले आजसू को 9 से 11 सीटें दी जा सकती हैं. भाजपा के बाद झारखंड एनडीए में आजसू सबसे बड़ा घटक दल होगा. जेडीयू के पास सरयू राय के रूप में एक सीटिंग सीट है तो उसे वन प्लस वन यानी 2 सीटें दी जा सकती हैं. अगर भाजपा आलाकमान इससे अधिक सीट देता है तो वह अलग बात होगी. चिराग पासवान की पार्टी लोजपा आर को भी एक सीट दी जानी तय मानी जा रही है.


BJP- 68 से 70 सीट  
AJSU- 9 से 11 सीट
JDU - 2 सीट
LJPR- 1 सीट


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क्या हो सकता है महागठबंधन में सीट शेयरिंग का फॉर्मूला?


माना जा रहा है कि इस बार झारखंड महागठबंधन में सीट शेयरिंग का फॉर्मूला बदल सकता है. इसका मतलब यह है कि पिछली बार महागठबंधन में जो सीट शेयरिंग का फॉर्मूला अपनाया गया था, उसमें बदलाव किया जाने वाला है. इस बार विनिबिलिटी को सीट शेयरिंग का आधार बनाया जा सकता है. यानी सीटों का बंटवारा दलों के बीच इस तरह से किया जाएगा कि जहां जो जीत सकता है, वहीं सीट उस दल को दिया जाएगा.


महागठबंधन में इस बार कांग्रेस 33 सीटों का दावा कर रही है, लेकिन माना जा रहा है कि उसे 29 से 31 सीटें दी जा सकती हैं. पिछली चुनाव में झारखंड मुक्ति मोर्चा यानी जेएमएम ने 43, कांग्रेस ने 31 और राजद ने 7 सीटों पर चुनाव लड़ा था. इस बार चूंकि वामदल भी गठबंधन का हिस्सा हैं तो उनके लिए भी सीटें छोड़नी पडेंगी. अभी महागठबंधन में सीट शेयरिंग को लेकर बातचीत भी उस स्टेज में नहीं पहुंची है कि कुछ जानकारी मिल सके.


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