Rajnath Singh: देश आज यानी 26 जुलाई 2023 को 24वां 'कारगिल विजय दिवस' (Kargil Vijay Diwas) मना रहा है. कारगिल विजय दिवस यानी भारतीय सैनिकों के लिए गौरव का दिन. इस मौके पर रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने लद्दाख के द्रास में शहीदों को श्रद्धांजलि दी. इस कार्यक्रम में सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे और वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी भी मौजूद रहे. इस दौरान रक्षामंत्री ने पाकिस्तान को साफ कहा कि अगल भारतीय अस्मिता से खिलवाड़ किया गया तो भारतीय जवान LoC भी पार सकते हैं. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING


कार्यक्रम को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि करगिल युद्ध भारत के ऊपर एक थोपा गया युद्ध था. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की ओर से हमारी पीठ पर खंजर घोंपा गया था. भारत बातचीत के माध्यम से मुद्दों को सुलझाने का प्रयास कर रहा था. खुद पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजेपयी ने पाकिस्तान की यात्रा करके कश्मीर सहित अन्य मुद्दों को सुलझाने का प्रयास किया था, लेकिन पाकिस्तान ने भारत पीठ में खंजर घोंप दिया था. 


ये भी पढ़ें- No-Confidence Motion: विपक्ष ने मानी पीएम मोदी की बात, राहुल गांधी से कहा था- 2023 में फिर अविश्वास प्रस्ताव लाना


राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत मां के ललाट की रक्षा के लिए 1999 में भारतीय जवानों ने करगिल की चोटी पर जिस वीरता का प्रदर्शन किया, जो शौर्य दिखाया, वह इतिहास में हमेशा स्वर्ण अक्षरों में अंकित रहेगा. आज हम खुली हवा में सांस इसलिए ले पा रहे हैं, क्योंकि किसी समय भी शून्य से कम तापमान में भी हमारे सैनिकों ने ऑक्सीजन की कमी के बावजूद अपनी बंदूकें नीची नहीं कीं. उन्होंने कहा कि आज भारत रूपी जो विशाल भवन हमें दिखाई दे रहा है, वह हमारे वीर सपूतों के बलिदान की नींव पर ही टिका है.


ये भी पढ़ें- No-Confidence Motion: विपक्ष ने मानी पीएम मोदी की बात, राहुल गांधी से कहा था- 2023 में फिर अविश्वास प्रस्ताव लाना


रक्षामंत्री ने इस दौरान पाकिस्तान को स्पष्ट चेतावनी देते हुए कहा कि भारत अपने सम्मान और गरिमा को बनाए रखने के लिए नियंत्रण रेखा (LoC) को पार करने के लिए तैयार है. रक्षामंत्री ने जम्मू-कश्मीर के नागरिकों से ऐसी स्थिति में सैनिकों का समर्थन करने के लिए तैयार रहने का आह्वान किया. रक्षामंत्री ने कहा कि करगिल की वह जीत पूरे भारत की जनता की जीत थी. भारतीय सेनाओं ने 1999 में करगिल की चोटियों पर जो तिरंगा लहराया था, वह केवल एक झंडा भर नहीं था, बल्कि वह इस देश के करोड़ों लोगों का स्वाभिमान था.