Opposition Unity: कर्नाटक विधानसभा चुनाव में स्पष्ट बहुमत मिलने के बाद सिद्धारमैया को मुख्‍यमंत्री तो डीके शिवकुमार को डिप्टी सीएम की कुर्सी सौंपी गई है. आज यानी शनिवार (20 मई) को कांग्रेस पार्टी शपथ ग्रहण का आयोजन करने जा रही है. बता दें कि कर्नाटक की 224 विधानसभा सीटों में से कांग्रेस ने 135 सीटें जीती हैं. बीजेपी को सिर्फ 66 मिलीं तो वहीं पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवेगौड़ा की पार्टी जनता दल (सेक्युलर) के खाते में सिर्फ 19 सीटें आईं. शपथ ग्रहण को भव्य बनाने के लिए कांग्रेस की ओर से तमाम विपक्षी नेताओं को निमंत्रण भेजा गया है. ऐसे में ये कहना गलत नहीं होगा कि 2024 को लेकर विपक्षी एकता का आज लिटमस टेस्ट होना है. 


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इसे विपक्षी एकता का लिटमस टेस्ट इसलिए कहा जा रहा है कि क्योंकि इस शपथ ग्रहण से ये पता चल जाएगा कि कौन-कौन से नेता कांग्रेस के साथ खड़े होने को तैयार हैं. सभी की निगाहें टीएमसी सुप्रीमो और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर टिकी हुई हैं क्योंकि कर्नाटक में बीजेपी की करारी हार पर उन्होंने वहां की जनता को बधाई दी थी लेकिन कांग्रेस के लिए एक भी शब्द नहीं कहा था. अलबत्ता उन्होंने महज 19 सीटें लाने वाली जेडीएस की तारीफ की थी. इसके अलावा ये भी देखना होगा कि इस शपथ ग्रहण में तेलंगाना के सीएम केसीआर के पहुंचते हैं या नहीं. 


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ममता की तरह केसीआर भी थर्ड फ्रंट के गठन की बात करते रहे हैं. वहीं 2024 में दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल का क्या रुख होगा, ये भी स्पष्ट हो जाएगा. यदि आम आदमी पार्टी की ओर से केजरीवाल या उनका कोई नुमाइंदा इस समारोह में शिरकत करता है तो स्पष्ट हो जाएगा कि बीजेपी के खिलाफ केजरीवाल को कांग्रेस के साथ जाने में कोई आपत्ति नहीं है. बता दें कि बिहार से इस शपथ ग्रहण समारोह में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव जरूर शामिल होंगे. नीतीश कुमार पहले से विपक्षी एकता की मुहिम में जुटे हैं.