Lalu Prasad Yadav Birthday : लालू के दिमाग में चरवाहा विद्यालय खोलने का आइडिया कैसे आया? आप भी जान लीजिए
चरवाहा विद्यालय खोलने के पीछे लालू यादव की सोच बेजोड़ थी. ऐसे लोग जो मजदूरी या कोई अन्य काम कर अपने परिवार को चलाते थे उनके बच्चे को पढ़ने के लिए चरवाहा विद्यालय खोला गया.
Lalu Prasad Yadav Birthday : लालू प्रसाद यादव राजनीति में कब कौन सा फैसला ले लेंगे उनको खुद पता नहीं होता है. कुछ ऐसे ही एक फैसले में था उनका चरवाहा विद्यालय खोलना. चरवाहा विद्यालय खोलने के पीछे की एक दिलचस्प कहानी है. इसको आपको जानना चाहिए. दरअसल, लालू प्रसाद यादव जब मुख्यमंत्री थे तब एक बार रास्ते से जा रहे थे और वहां पर उनको कुछ बच्चे मवेशी चराते हुए दिखाई दिए, तो लालू यादव ने उनसे पूछा कि तुम लोग यहां क्या कर रहे हो. इस बच्चे बोले कि मवेशी चरा रहे हैं.
चरवाहा विद्यालय की खूब चर्चा हुई
मशेवी चरा रहे बच्चों के इतना कहने के बाद लालू यादव ने कहा कि क्या तुम लोगों को पढ़ना लिखना नहीं है स्कूल नहीं जाते. इस पर बच्चों ने कहा मवेशी नहीं चराएंगे तो क्या करेंगे. लालू यादव ने बच्चों की यह बात सुनकर चरवाहा विद्यालय के कांसेप्ट को शुरू किया. कांसेप्ट ऐसा था कि चरवाहा का काम करते हुए भी करते हुए भी पढ़ाई की जा सकती थी उस समय विदेशी मीडिया में भी चरवाहा विद्यालय की खूब चर्चा हुई.
लालू यादव की सोच बेजोड़
चरवाहा विद्यालय खोलने के पीछे लालू यादव की सोच बेजोड़ थी. ऐसे लोग जो मजदूरी या कोई अन्य काम कर अपने परिवार को चलाते थे उनके बच्चे को पढ़ने के लिए चरवाहा विद्यालय खोला गया, जो बच्चे अपने मां बाप का काम में हाथ बंटाते आते थे और स्कूल नहीं जाते थे ऐसे बच्चे को विद्यालय तक लाने के लिए लालू यादव ने चरवाहा विद्यालय की शुरुआत की. यहां पर ऐसी व्यवस्था थी कि मवेशी चराने के साथ-साथ पढ़ाई भी की जा सके. बच्चों को प्रत्येक दिन 1 रुपया दिया जाता था. ऐसे में बच्चे अपने जानवरों की देखभाल भी कर लेते थे और पढ़ाई भी कर लेते थे.
ये भी पढ़ें- Lalu Prasad Yadav Birthday : लालू यादव के भाई मरने के बाद हो जाते थे जिंदा! पढ़ें दिलचस्प किस्सा
देश में पहला चरवाहा विद्यालय कब खोला गया?
23 दिसंबर 1991 को देश को पहला चरवाहा विद्यालय खोला गया. मुजफ्फरपुर के तुर्की में इसे स्थापित किया गया. इसकी तारीफ पूरी दुनिया में हुई. इस योजना में जान फूंकने के लिए लालू यादव ने नारा दिया था. वो गाय, भैंस, सुअर चराने वालों, घोंघा खोजने वालों पढ़ना-लिखना सीखों. बता दें कि लालू प्रसाद यादव के शासनकाल में कुल 354 चरवाहा विद्यालय खोले गए थे.