Lok Sabha Election 2024: कांग्रेस का 2014 से 13 राज्यों में खाता नहीं खुल रहा, 2024 में PM मोदी को कैसे हराएंगे?
Lok Sabha Election 2024: इंडी अलायंस में शामिल सबसे बड़ी पार्टी होने के बाद भी कांग्रेस को क्षेत्रीय दल कोई खास तरजीह नहीं दे रहे हैं. यूपी में अखिलेश यादव, बिहार में नीतीश कुमार और लालू यादव, पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी, दिल्ली और पंजाब में अरविंद केजरीवाल, महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे और शरद पवार, तमिलनाडु में एमके स्टालिन आदि क्षेत्रीय दलों के नेता कांग्रेस पार्टी को कोई भाव नहीं दे रहे हैं.
Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी कांग्रेस आज से तीन दिन तक दिल्ली में सहयोगी दलों के साथ मंथन करेगी. इस दौरान लोकसभा चुनाव में सीट शेयरिंग पर बात होगी. इंडी अलायंस की अभी तक 4 बैठकें हो चुकी हैं, लेकिन सहमति नहीं बन पा रही हैं. दिल्ली वाली बैठक में बात बनने की जगह बिगड़ ज्यादा गई है. दिल्ली बैठक से नीतीश कुमार ऐसे नाराज हुए हैं कि अब उनके एनडीए में वापस जाने की अटकलें भी लगाई जा रही हैं. इसके अलावा दिल्ली बैठक में तय हुआ था कि 31 दिसम्बर तक सीटों शेयरिंग पर आखिरी फैसला हो जाएगा, लेकिन नए साल के सात दिन गुजरने के बाद भी कोई समाधान नहीं हो पाया है.
सबसे ज्यादा मुश्किलें कांग्रेस के सामने आ रही हैं. अलायंस में शामिल सबसे बड़ी पार्टी होने के बाद भी कांग्रेस को क्षेत्रीय दल कोई खास तरजीह नहीं दे रहे हैं. यूपी में अखिलेश यादव, बिहार में नीतीश कुमार और लालू यादव, पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी, दिल्ली और पंजाब में अरविंद केजरीवाल, महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे और शरद पवार, तमिलनाडु में एमके स्टालिन आदि क्षेत्रीय दलों के नेता कांग्रेस पार्टी को कोई भाव नहीं दे रहे हैं. इसके पीछे भी कांग्रेस का खराब प्रदर्शन है.
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कांग्रेस पार्टी का बुरा समय 2014 से शुरू हुआ था. 2014 के चुनाव में कांग्रेस को 44 सीटों पर सिमट गई थीं तो 2019 के चुनाव में 52 सीटें हासिल हुई थीं. कांग्रेस ने 2019 में 2014 की तुलना में 8 सीटें ज्यादा जीती थीं लेकिन वोट शेयर तकरीबन एक समान था. एक और खास बात 2019 में कांग्रेस पार्टी 2014 से ज्यादा सीटों पर लड़ी भी थी. इसके अलावा बड़ी बात ये है कि बीते दो चुनावों में कांग्रेस पार्टी का 13 राज्यों में खाता तक नहीं खुला था. अब चुनौती 2024 की है.
इन राज्यों में नहीं खुला था खाता
2014 और 2019 के दो लोकसभा चुनावों में कांग्रेस को 13 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में एक भी सीट नहीं मिली थी. इनमें दिल्ली, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड, आंध्र प्रदेश, चंडीगढ़, दादरा एवं नागर हवेली, दमन-दीव, नागालैंड, त्रिपुरा और सिक्किम है. हालांकि, 2019 के चुनाव में 16 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में एक भी सीट नहीं मिली थी. 2019 मे ही तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी अपनी पारिवारिक सीट अमेठी को गंवा बैठे थे.
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सिर्फ 3 राज्यों में जीती 31 सीटें
2019 के चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने कुल 421 सीटों पर प्रत्याशी उतारे थे. इनमें से सिर्फ 52 को ही जीत हासिल हुई थी. बीजेपी की आंधी में कांग्रेस का प्रदर्शन दक्षिण भारत के अलावा पंजाब में संतोषजनक रहा. पंजाब, केरल और तमिलनाडु में कांग्रेस पार्टी ने कुल 38 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे. इनमें से उसके 31 उम्मीदवार जीते थे. वहीं बाकी के 21 प्रत्याशी देश के अन्य राज्यों से जीते थे. इन राज्यों में 383 प्रत्याशी मैदान में थे. अब इन तीनों राज्यों में भी क्षेत्रीय दल कांग्रेस को आंखें दिखाने में लगे हैं. अब देखना ये होगा कि सीट बंटवारे के लिए इंडी गठबंधन में कौन सा फॉर्मूला बनेगा.