Lok Sabha Election 2024 Maharajganj Seat: बिहार के दूसरे `चित्तौड़गढ़` महाराजगंज में ज्यादातर `राजपूत` जाति के ही बनते रहे महाराज, जानें चुनावी माहौल
बिहार के सभी 40 लोकसभा सीटों का अपना एक अलग इतिहास और राजनीतिक महत्व रहा है. ऐसे में बिहार की एक लोकसभा सीट है महाराजगंज. जहां राजपूतों की आबादी बड़ी है इसे बिहार का दूसरा `चित्तौड़गढ़` कहते हैं.
Lok Sabha Election 2024 Maharajganj Seat: बिहार के सभी 40 लोकसभा सीटों का अपना एक अलग इतिहास और राजनीतिक महत्व रहा है. ऐसे में बिहार की एक लोकसभा सीट है महाराजगंज. जहां राजपूतों की आबादी बड़ी है इसे बिहार का दूसरा 'चित्तौड़गढ़' कहते हैं. यहां के चुनावी इतिहास पर नजर डालें तो यहां से ज्यादातर संख्या में राजपूत उम्मीदवार ही लोकसभा पहुंचते रहे हैं.
बता दें कि इस सीट से जीते उम्मीदवारों के नाम पर एक बार नजर डालें तो आपको समझ में आ जाएगा कि इस सीट को राजपूतों के अदिकार वाला सीट क्यों कहते हैं. यहां से महेंद्र नारायण सिंह, कृष्णकांत सिंह, एमपी सिंह, रामदेव सिंह, कृष्ण प्रताप सिंह, चंद्रशेखर, गिरिजा देवी, राम बहादुर सिंह, प्रभुनाथ सिंह जीतकर लोकसभा में अलग-अलग पार्टियों का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं.
ये वही लोकसभा सीट है जिससे 1989 में देश के पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर चुनाव लड़े थे. वह वहां से रिकॉर्ड मतों से जीतकर संसद पहुंचे थे. यहां राजपूतों के अलावा इस सीट पर भूमिहार, यादव और ब्राह्मणों का भी दबदबा रहा है. इस लोकसभा सीट में दो जिलों के विधानसभा सीट को शामिल किया गया है. इसमें सिवान जिले के 2 विधानसभा गोरयाकोठी और महाराजगंज सीट और दूसरी तरफ सारण जिले का 4 विधानसभा सीट एकमा, मांझी, बनियापुर और तरैया महाराजगंज को मिलाकर कुल 6 विधानसभा सीटों से इसे महाराजगंज लोकसभा सीट का रूप दिया गया है.
यहां के मतदाताओं की मांग लंबे समय से रही है कि इसे जिला बनाया जाए. यहां के लोगों में रोष इस बात को लेकर भी है क यहां रेल मार्ग तो बन गया लेकिन कोई ट्रेन नहीं चली. यहां बेरोजगारी और पलायन मुख्य मुद्दा रहा है. यह सीट यूपी से सटा हुआ है. इस सीट पर शुरुआती समय से ही कांग्रेस का कब्जा रहा लेकिन आपातकाल के बाद इस सीट से कांग्रेस का कब्जा हटा तो समय-समय पर इस सीट पर कभी कांग्रेस तो कभी अन्य पार्टी के उम्मीदवार जीत दर्ज करते रहे.