Rahul-Lalu Meeting: मोदी सरनेम केस में कांग्रेस नेता राहुल गांधी को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. सर्वोच्च न्यायालय ने राहुल गांधी की सजा पर रोक लगा दी है. सुप्रीम कोर्ट ने इस बीच कहा कि वे जानना चाहता है कि राहुल को अधिकतम सजा क्यों दी गई? कोर्ट ने शुक्रवार (04 अगस्त) को सुनवाई के दौरान कहा कि अगर जज ने राहुल गांधी को 1 साल 11 महीने की सजा दी होती तो वह लोकसभा से अयोग्य नहीं ठहराए जाते. सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलते ही राहुल एक्टिव हो चुके हैं. उन्होंने शुक्रवार (4 अगस्त) की शाम को ही राजद अध्यक्ष लालू यादव से मुलाकात की. लालू-राहुल मुलाकात के दौरान बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव भी मौजूद रहे. इस मुलाकात से दिल्ली से लेकर पटना तक माहौल अचानक बदल गया है. 


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माना जा रहा है कि इस मुलाकात में लोकसभा चुनाव को लेकर आगे की रणनीति पर मंथन किया जा सकता है और विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A के संयोजक के नाम पर चर्चा हो सकती है. इस मुलाकात से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार टेंशन में आ गए हैं. दरअसल, जिस विपक्षी एकता की नींव नीतीश कुमार ने रखी थी, उसे अब कांग्रेस पार्टी हाइजेक करने की कोशिश कर रही है. बेंगलुरु बैठक में कांग्रेस ने नीतीश कुमार की मेहनत को अपने खाते में जोड़ने की कोशिश की. कांग्रेस की ओर से ये मैसेज देने की कोशिश की गई कि देश में कांग्रेस ही बीजेपी का विकल्प है. बैठक में नीतीश कुमार को पूरी तरह से इग्नोर किया गया था. इसी कारण वह बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में हिस्सा भी नहीं लिया था.


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बता दें कि मोदी सरनेम केस में राहुल गांधी को सजा होने पर वह 2024 का चुनाव नहीं लड़ सकते थे. लिहाजा राहुल पीएम पद की रेस से भी बाहर हो गए थे. लेकिन सुप्रीम कोर्ट से उन्हें राहत मिलने के बाद अब वह फिर इस रेस में शामिल हो गए हैं और कांग्रेस पार्टी राहुल के अलावा किसी नेता के नाम पर विचार नहीं कर सकती. लिहाजा नीतीश कुमार का पीएम बनने का सपना चकनाचूर होते हुए दिखाई दे रहा है.