No Confidence Motion Against Modi Govt: मोदी सरकार को 5 साल बाद एक बार फिर से अविश्वास प्रस्ताव का सामना करना पड़ रहा है. इससे पहले मोदी सरकार के खिलाफ 2018 के मानसून सत्र में अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था. अंतर सिर्फ इतना है कि उस वक्त एनडीए से अलग होने के बाद टीडीपी की ओर से अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था, जिसका कांग्रेस सहित तमाम विपक्षी दलों ने समर्थन किया था. जबकि आज कांग्रेस की ओर से अविश्वास प्रस्ताव लाया गया है, जिसका विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A. में शामिल दल समर्थन कर रहे हैं. इसी अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान राहुल गांधी का पीएम मोदी के गले लगना और फिर आंख मारना, चर्चा का विषय बन गया था. हालांकि, पीएम मोदी इस बार इसे मिस करेंगे.


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2018 में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान राहुल गांधी ने पीएम मोदी पर जमकर वार किया. उन्होंने कहा कि आरएसएस और पीएम मोदी ने मुझे सिखा दिया है कि कांग्रेसी और असली हिंदू होने का अर्थ क्या है? कांग्रेस नेता ने कहा कि कोई मुझे गाली दे या पप्पू कहें, मैं किसी से नफरत नहीं करुंगा. भाषण खत्म करके वह जाकर पीएम मोदी के गले लग गए थे. इसके बाद वापस लौटते ही उन्होंने अपने कांग्रेसी साथियों को आंख मारी थी. जिसके बाद राहुल का भाषण साइडलाइन हो गया था और सिर्फ आंख मारना चर्चा का विषय बन गया था.


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उनकी इस घटना से ये लगा कि ये सब पहले से स्क्रिप्टेड था. बीजेपी के सांसदों ने राहुल की इस हरकत को असंसदीय बताया था. वहीं पीएम मोदी ने राहुल के गले लगने को गले पड़ना करार दिया था. पीएम ने कहा था कि कांग्रेस नेता की आंखों ने जो किया वह सबके सामने साफ है. पीएम ने कहा था कि गले पड़ना कैसा होता है, ये आज समझ में आया. उन्होंने राहुल के गले मिलने पर भी हमला बोला और कहा कि कुछ लोग अपनी हार पचा नहीं पा रहे और पीएम की कुर्सी पाने को हड़बड़ा रहे हैं.


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इस बार पीएम मोदी इन सारी बातों को मिस करेंगे, क्योंकि मोदी सरनेम केस में सजा होने के बाद राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता समाप्त हो चुकी है. अब पीएम को राहुल गांधी संसद में नहीं दिखाई देंगे. बता दें कि लोकसभा में मोदी सरकार के खिलाफ विपक्ष द्वारा लाया गया अविश्वास प्रस्ताव बड़ी आसानी से गिर गया था. हालांकि अविश्वास प्रस्ताव पर करीब 12 घंटे की लंबी चर्चा चली थी. इस दौरान जहां विपक्षी दलों ने अपने मुद्दे रखे थे. तो वहीं सरकार ने अपनी तमाम उपलब्धियां गिनाई थीं. संख्याबल के हिसाब से इस बार भी विपक्ष की हार तय है.