मोदी सरनेम केस (Modi Surname Case) में गुजरात में सूरत की एक अदालत ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को दोषी ठहराया और 2 साल कैद की सजा सुना दी. इस पर राहुल गांधी मुश्किल में पड़ गए और उनकी लोकसभा सदस्यता (Rahul Gandhi Lok Sabha Membership) जाने के साथ ही आवास समिति ने आवास खाली करने का नोटिस दे दिया. अब पटना की एक अदालत ने भी उसी केस में राहुल गांधी को 12 अप्रैल को व्यक्तिगत तौर पर पेश होने के लिए कहा है. बिहार की राजधानी पटना में विशेष एमपी एमएलए कोर्ट (Special MP MLA Court) में विशेष न्यायाधीश ने बीजेपी नेता सुशील मोदी (Sushil Kumar Modi) की याचिका पर बयान दर्ज कराने के लिए राहुल गांधी को पेश होने के लिए कहा है. राहुल गांधी अभी इस मामले में जमानत पर हैं. 


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बताया जा रहा है कि शिकायतकर्ता पक्ष की ओर से सभी गवाहों के बयान दर्ज किए जा चुके हैं और सबूत भी पेश किए गए हैं. अब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी का बयान ही बाकी रह गया है. 12 अप्रैल को राहुल गांधी का बयान दर्ज कराने के लिए बुलाया गया है. राहुल गांधी पक्ष से यह भी खबर है कि वे 12 अप्रैल को हाजिर नहीं हो सकते और उनके अधिवक्ता की ओर से कोई और तारीख मांगी जा सकती है.


लोकसभा चुनाव 2019 के दौरान भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी ने ये मामला दर्ज कराया था. दरअसल, सुशील कुमार मोदी ने आरोप लगाया था कि राहुल गांधी ने लोकसभा चुनाव के दौरान कर्नाटक के कोलार में आयोजित रैली में मोदी समुदाय को अपमानित किया था. इस केस में राहुल गांधी कोर्ट के सामने उपस्थित भी हुए थे और उन्हें जमानत मिल गई थी. 


इसी बयान को लेकर गुजरात के भाजपा विधायक पूर्णेश मोदी ने राहुल गांधी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था. पूर्णेश मोदी ने भी राहुल गांधी के खिलाफ मोदी समुदाय के अपमान करने का मामला दर्ज कराया था. इस मामले में राहुल गांधी को दो साल की सजा हो चुकी है और उनकी सांसदी भी जा चुकी है. लोकसभा की आवास समिति ने राहुल गांधी को आवास खाली करने का नोटिस भी दिया है, जिसका राहुल गांधी जवाब दे चुके हैं और उन्होंने कहा है कि वे सभी नियमों और प्रशासन के आदेश का पालन करेंगे. 


पटना में चल रहे सुशील कुमार मोदी के केस में 5 गवाह है. गवाहों में खुद सुशील कुमार मोदी भी शामिल हैं. अगस्त 2022 में सुशील कुमार मोदी का बयान दर्ज किया गया था. इस मामले में बयान दर्ज कराने वाले वे आखिरी गवाह थे. सुशील कुमार मोदी की ओर से इस मामले में फरवरी 2023 में सबूत पेश किए गए थे.


सूरत की कोर्ट में दोषी ठहराए जाने के बाद से देश की राजनीति गरमा गई है. राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता जा चुकी है और कांग्रेस आंदोलित हो गई है. जगह जगह प्रदर्शन किए जा रहे हैं. संसद की कार्यवाही कई दिनों से ठप है. इस बहाने विपक्ष एकजुट हो गया है और मोदी सरकार पर विरोधियों को परेशान करने और जबरन कार्रवाई करने का आरोप लगा रहा है. देखना यह है कि विपक्षी एकता लोकसभा चुनाव तक कायम रहती है या नहीं.