Assembly Election Result 2023: हिंदीभाषी प्रदेशों में खिला `कमल`, अब I.N.D.I.A. का क्या होगा, कांग्रेस को क्षेत्रीय दल दिखाएंगे आंखें?
Assembly Election Result 2023: पटना बैठक तक नीतीश कुमार अगुवाकार नजर आ रहे थे, लेकिन बेंगलुरु बैठक में कांग्रेस ड्राइविंग सीट पर बैठ गई. मुंबई बैठक में भी कांग्रेस ही लीड करती दिखी थी. अब कांग्रेस पार्टी पर क्षेत्रीय पार्टियां हावी हो सकती हैं. वैसे भी विधानसभा चुनावों में इंडिया गठबंधन में दरार देखने को मिली थी.
Assembly Election Result 2023: मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना में आज मतगणना (Assembly Election Result 2023) जारी है. रुझानों में हिंदीभाषी तीनों राज्य (एमपी, छत्तीसगढ़ और राजस्थान) में बीजेपी का कमल खिलने जा रहा है. अगर इन चुनावों को लोकसभा चुनाव 2024 का सेमीफाइनल कहा जाए तो इन तीनों ही राज्यों में बीजेपी के इस प्रदर्शन से एक बार फिर 'ब्रांड मोदी' चमका है. वहीं उत्तर भारत के उलट दक्षिण में बीजेपी की तस्वीर बिल्कुल उलटी दिखती है. तमाम कोशिशों के बावजूद बीजेपी दक्षिण में अपनी पोजिशन मजबूत करने में नाकाम रही है.
भारतीय राज्य में तेलंगाना में अब केसीआर का जादू का समाप्त हो चुका है. अब यहां कांग्रेस की सरकार होगी. जब से तेलंगाना का गठन हुआ है तब से पहली बार तेलंगाना में कांग्रेस की सरकार बनेगी. इन चुनावों का प्रभाव विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A. पर पड़ना लाजमी बताया जा रहा है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 06 दिसंबर को I.N.D.I.A. की बैठक हो सकती है. ये बैठक दिल्ली में हो सकती है. इस बार सभी नेता मिलकर सीट शेयरिंग के फार्मूले पर बात कर सकते हैं. विपक्षी गठबंधन की पहली बैठक पटना में आयोजित की गई थी. वहीं दूसरी बैठक बंगलूरू में और तीसरी बैठक मुंबई में, जबकि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने चौथी बैठक दिल्ली में बुलाई थी.
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बता दें कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विपक्ष को एकजुट करने का काम किया, लेकिन कांग्रेस ने जैसे ही बीजेपी से कर्नाटक और हिमाचल प्रदेश जैसे राज्य छीने, पार्टी ने नीतीश कुमार को भी ओरवटेक कर लिया. पटना बैठक तक नीतीश कुमार अगुवाकार नजर आ रहे थे, लेकिन बेंगलुरु बैठक में कांग्रेस ड्राइविंग सीट पर बैठ गई. मुंबई बैठक में भी कांग्रेस ही लीड करती दिखी थी. अब कांग्रेस पार्टी पर क्षेत्रीय पार्टियां हावी हो सकती हैं. वैसे भी विधानसभा चुनावों में इंडिया गठबंधन में दरार देखने को मिली थी. सीट शेयरिंग को लेकर मध्य प्रदेश में कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के बीच सामन्जस्य नहीं बैठ सका था.