Prashant Kishor News: चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने आखिरकार 2024 लोकसभा चुनाव को लेकर अपना भविष्य साफ कर दिया. पीके ने कहा कि आप इतनी समझ रखिए कि कोई दल या मोर्चा अगर मैं बनाऊंगा तो वही एक मोर्चा बिहार में बचेगा, दूसरा कोई नहीं बचेगा. प्रशांत किशोर ने कहा कि लोगों को एहसास नहीं है कि मैं कितनी बड़ी व्यवस्था बना रहा हूं. उन्होंने कहा कि मैंने काम छोड़ा है, उसकी समझ नहीं छोड़ी है. मैंने जो अपने जीवन में काम किया है, उसमें कुछ कहने की जरूरत नहीं है. वो देश के सामने है. नीतीश कुमार ही क्यों मैंने मोदी के लिए भी काम किया है. 


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उन्होंने ये बातें राजद के राज्यसभा सांसद मनोज झा के बयान पर हमला करते हुए कहा था. मनोज झा पर पलटवार करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि आज जो टीवी पर राजनीतिक दलों के नेता बयानबाज बने हुए हैं उनके आकाओं के आका बैठकर हमसे सलाह लेते रहे हैं कि हम कैसे चुनाव लड़ें. मैंने नीतीश कुमार और नरेंद्र मोदी के अलावा 10 राज्यों में चुनाव जितवाए हैं. जो कुछ भी किया उसे खुद के स्तर पर किया है. नीतीश कुमार मुझे क्या धन देंगे? अगर मुझे धन चाहिए ही होगा तो इतने बड़े-बड़े राज्यों में सरकारें बनी हैं जिसको बनाने में मैंने कंधा लगाया है. 


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इससे पहले पीके ने कहा था कि नीतीश कुमार यदि बीजेपी को ना छोड़ते तो 2024 लोकसभा चुनाव जीतने के बाद बीजेपी उन्हें मुख्यमंत्री की कुर्सी से हटा देती. नीतीश द्वारा तेजस्वी यादव के लिए सीएम की कुर्सी छोड़ने पर तंज कसते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि नीतीश कुमार को तेजस्वी यादव और राजद से कोई मतलब नहीं है. वो सिर्फ 2025 तक मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठे रहना चाहते हैं. पीके ने कहा कि नीतीश कुमार को पता था कि 2024 में लोकसभा का चुनाव जीतने के बाद बीजेपी सबसे पहले उन्हें मुख्यमंत्री की कुर्सी से हटाती और कहती कि अब हमारा मुख्यमंत्री होगा. 


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प्रशांत किशोर ने कहा कि भाजपा की मजबूरी लोकसभा के चुनाव तक है. लोकसभा में बीजेपी एक बार जीतकर आ जाती तो उनकी सरकार दिल्ली में बन जाती, फिर उनको बिहार के मुख्यमंत्री के पद से हटा देती. नीतीश कुमार ने अनुमान लगाने के बाद बीजेपी का साथ छोड़कर महागठबंधन की व्यवस्था बना ली ताकि 2025 तक मुख्यमंत्री के पद पर बने रहें. नीतीश कुमार ने कहा कि अगला चुनाव तेजस्वी यादव के नेतृत्व में लड़ा जाएगा लोगों को ये समझ नहीं आ रहा है वो ऐसा क्यों बोल रहे हैं. नीतीश कुमार बिना सोचे-समझे कुछ नहीं बोलते. नीतीश कुमार को न तेजस्वी से प्यार है न कभी वो अपने पूरे जीवन में RJD के समर्थित नहीं हो सकते हैं.