Bihar Politics: ललन सिंह ने जेडीयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में इस्तीफा दे दिया है. उनके इस्तीफे के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को ही नया अध्यक्ष नियुक्त किया गया है. मतलब 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव तक पार्टी पर नीतीश कुमार का फुल कंट्रोल होगा. राष्ट्रीय परिषद की बैठक में इसका प्रस्ताव पेश होगा और मुहर लगने के बाद इसका औपचारिक ऐलान किया जाएगा. ललन सिंह के इस्तीफे के साथ ही बिहार में महागठबंधन सरकार के पैर भी कांपने लगे हैं. कहा तो ये भी जा रहा है कि नीतीश कुमार ने ललन सिंह के सहारे राजद अध्यक्ष लालू यादव को बड़ा सियासी संदेश दिया है.


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ललन सिंह पर ये गाज लालू यादव के करीबी होने के कारण गिरी है. बीते कुछ दिनों में ललन सिंह और लालू परिवार की करीबियां काफी बढ़ गई थीं. यह यह बात नीतीश कुमार को नागवार गुजर रही थी. इसके अलावा महागठबंधन सरकार में लालू यादव का हस्तक्षेप बढ़ता जा रहा था. राजद नेताओं की ओर से तेजस्वी यादव को सीएम बनाने का बढ़ रहा दबाव भी बढ़ने लगा था. कहा तो ये भी जा रहा था कि राजद सुप्रीमो लालू यादव ने ललन सिंह के साथ मिलकर सारी गोटियां सेट कर दी हैं और किसी भी समय जेडीयू तोड़कर तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री बना सकते हैं. 


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जेडीयू में दो फाड़ होने की सुगबुगाहट मिलते ही नीतीश कुमार एक्टिव हो गए. उन्होंने पार्टी विधायकों, पार्षदों और सांसदों से लेकर जिला अध्यक्षों तक से वन-टू-वन मुलाकात की. पार्टी नेताओं से लेकर कार्यकर्ताओं तक का रुख जाना और उनका मिजाज समझा. इसके बाद ललन सिंह को कुर्सी से उतार दिया. ललन सिंह के इस्तीफे के साथ ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राजद अध्यक्ष लालू यादव को बड़ा सियासी संदेश दिया है. नीतीश कुमार ने लालू यादव को जता दिया है कि वे कभी भी कोई भी बड़ा फैसला ले सकते हैं. 


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नीतीश कुमार को पार्टी में अनुशासनहीनता कतई पसंद नहीं है. इससे पहले कुछ आरसीपी सिंह पर भी कुछ इसी तरह के आरोप लगे थे. पीएम मोदी के ज्यादा करीब पहुंच जाने के कारण आरसीपी सिंह को भी पहले पार्टी अध्यक्ष की कुर्सी से उतारा गया था. फिर राज्यसभा नहीं भेजा गया, जिसके कारण उन्हें मोदी मंत्रिमंडल से भी बाहर होना पड़ा. उसके बाद पार्टी से भी बाहर का रास्ता दिखा दिया गया.